अमरनाथ यात्रा शुरु होने के एक दिन बाद ही भारी बारिश के चलते पहलगाम, बालटल दोनों ही मार्ग बाधित हो गए । अमरनाथ श्राइन बोर्ड के एक अधिकारी ने बारिश के चलते दोनों मार्गो पर यात्रा को अस्थायी रुप से निलंबित कर दिया गया हैं । उन्होंने बताया कि बारिश की वजह से कुछ स्थानो पर रास्तों में फिसलन आ गई हैं । अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारी ने कहा कि बालटल और नुनवान आधार शिविर के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा शुरु करने से पहले एसएएसबी के कंट्रोल रुम या हेल्पलाइन से संपर्क कर मौजूदा स्थिति का पता लगाने को कहा गया हैं । खराब मौसम के बीच कल ६००० श्रद्धालुओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ गुफा में हिमलिंग के दर्शन किए । वहीं रास्ते में पत्थर गिरने से एक श्रद्धालु भूषण कोटवाल की मौत भी हो गई हैं। अमरनाथ यात्रा के लिए २४८१ श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था जम्मू से ६६ गाडियों में यात्रा के दो आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ हैं । इस जत्थे में १६३८ पुरुष, ६६३ महिलाएं और १८० साधू शामिल हैं । पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं की पहरेदारी केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के कर्मी कर रहे हैं । सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस साल अमरनाथ यात्रा पिछले साल के ४८ दिनों की तुलना में ८ दिन कम होगी और यह ७ अगस्त को श्रवण पूर्णिमा को रक्षाबंधन के दिन खत्म हो जाएगी । जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा गुफा मंदिर में पहुंचने वाले शुरुआती लोगों में शामिल थे । वह यात्रा के मामलों का प्रबंध करने वाले अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं । प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने मंदिर के गर्भ गृह में दर्शन किए और प्रथम पूजा समारोह में हिस्सा लिया । वोहरा ने बाबा बर्फानी से राज्य में शांति, मेल, प्रगति और समृद्धि की कामना की हैं । सेना और सशस्त्र सुरक्षा बलों के कड़े पहरे में अमरनाथ की यात्रा शुरु हुई । पहलगाम में बुधवार दोपहर से ही हजारों लोगों का आना जाना शुरु हो गया था । पहलगाम में तमाम भक्तों के लिए कैंप लगाए गए हैं वही खाने पीने के लिए लंगर लगे हुए हैं । यात्रियों के लिए मेडिकल कैंप भी लगाए गए हैं । सुरक्षा एजेसियों के सामने अमरनाथ यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराना बड़ी चुनौती हैं ।