महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और नेश्नलिस्ट कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार को बड़ी राहत मिली है। करीब 25000 करोड़ के महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक के कथित घोटाले में अजित पवार को क्लीन चिट मिल गई है। मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस ने पवार समेत 69 लोगों को इस कथित घोटाले में क्लीन चिट दे दी है। मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के एक साल बाद मुंबई पुलिस ने अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। कोर्ट में पुलिस ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले थे। मुंबई पुलिस की इकॉनमिक ऑफेंस विंग को मामले की जांच सौंपी गई थी। जिसने कोर्ट में दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट में दावा किया है कि इस कथित घोटाले में जांच के दौरान कोई अनियमितता या उसके सबूत नहीं मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस का कहना है कि मामले में हजारों दस्तावेजों और ऑडिट रिपोर्ट्स की जांच की गई और 100 से भी ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए गए। पुलिस ने बताया कि जांच में सामने आया कि टेंडरिंग प्रक्रिया में अजित पवार के शामिल होने के कोई सबूत नहीं थे। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक (एमएससीबी) घोटाला मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। याचिकाकर्ता सुरेंद्र अरोड़ा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एनसीपी नेताओं के नियंत्रण वाले महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक की जांच के लिए मामला दायर किया था, जिस पर अदालत ने यह फैसला सुनाया था। इस कथित घोटाले में पवार के अलावा एनसीपी के जयंत पाटिल समेत कई जाने माने नेताओं, सरकारी और बैंक अधिकारियों का नाम भी शामिल थे। आरोप लगाए गए थे कि इस समूह के कृत्यों की वजह से सरकार को 25,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इन पर राज्य के शीर्ष सहकारी बैंक को 25,000 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने का आरोप थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार, उनके भतीजे अजित पवार और 75 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
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