पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना को राज्य में लागू करने के लिए हामी भर दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस हामी के साथ एक शर्त भी जोड़ी है लेकिन केंद्र ने इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया है। राज्य सरकार की शर्त है कि केंद्र इस योजना के तहत जारी होने वाली राशि को राज्य सरकार को हस्तांतरित करें और राज्य लाभार्थी किसानों तक यह राशि ट्रांसफर करेगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 9 सितंबर को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को इस संबंध में एक पत्र भी लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि वे राज्य में योजना को लागू करने की इच्छुक हैं लेकिन फंड का ट्रांसफर पहले राज्य को होगा उसके बाद राज्य सरकार ही किसानों को पैसा खाते में ट्रांसफर कर देगी। हमने भी किसानों के लिए कृषक बंधु योजना शुरू की है लेकिन हम पीएम किसान सम्मान निधि योजना को भी लागू करने में खुशी महसूस करेंगे’। किसान योजना को लेकर 18 महीने तक गतिरोध के बाद राज्य सरकार ने इसे लागू करने के लिए हामी तो भर दी है लेकिन यह एक बड़ी शर्त रख दी है। हालांकि केंद्र ने फिलहाल इस शर्त को मानने से इनकार करते हुए सीएम के फैसले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। केंद्र सरकार की इस योजना से पश्चिम बंगाल में करीब 72 लाख किसानों को फायदा पहुंचेगा। मालूम हो कि प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार किसानों को 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत मुहैया करती है। किसानों को 2-2 हजार रुपये की तीन किस्त के जरिए यह पैसा ट्रांसफर किया जाता है। अबतक 6 किस्त जारी की जा चुकी हैं और सातवीं किस्त भी जल्द जारी की जाएगी।
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