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सरकारी अस्पताल कोरोना जांच के मांग रहे पैसे : तेजस्वी

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया है कि बिहार के सरकारी अस्पतालों में कोरोना जांच के एवज में पैसे मांगे जा रहे हैं। तेजस्वी यावद ने मीडिया के सामने एक वीडियो भी दिखाया। इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में कोरोना जांच की संख्या में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान में अंतर है। ऐसे में किसके आंकड़े पर भरोसा किया जाए।
तेजस्वी यादव ने कहा कि 3 अगस्त को बिहार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था। इस दौरान विपक्ष की मांग पर कोरोना वायरस और बाढ़ को लेकर चर्चा हुई थी। विपक्ष की लगातार मांग रही है कि कोरोना की आर्टिफिशियल टेस्ट बढ़ाई जाए। तेजस्वी यावद ने कहा बिहार में कुल जांच छह लाख 12 हजार कोरोना के टेस्ट हुए हैं, जिसमें से 3 लाख 25 हजार आर्टिफिशियल टेस्ट हुए थे।
विधानसभा में बिहार के स्वास्थ्यमंत्री मंगल पांडेय ने मुझे बताया था कि कुल कोरोना जांच में से 52.9% आरटी (आर्टिफिशियल जांच) -पीसीआर, 17.9% TrueNat और 29% Antigen टेस्ट हो रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 11 अगस्त को पीएम मोदी के साथ समीक्षा बैठक में बताया कि बिहार में प्रतिदिन 10% से भी कम आरटी-पीसीआर जांच हो रही है। कौन सच्चा? कौन झूठा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की जहां कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने बताया कि कोरोना (कोविड19) के नाम पर सेंकेंट इंस्टालमेंट के तहत 890 करोड़ रुपये जारी किए हैं। पैसे जिन राज्यों को जारी हुए उसमें बिहार का नाम नहीं है। मेरा सवाल यह है कि ऐसा क्यों हुआ। ये पैसे छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, आंध्र प्रदेश, असम, मेजोरम, सिक्किम समेत अन्य राज्यों को आवंटित हुआ है। खुद पीएम मानते हैं कि बिहार में कोरोना का संक्रमण फैल रहा है, जिसके बाद भी इस लिस्ट में बिहार का नाम नहीं है। इसके बाद भी सीएम नीतीश कुमार ने पीएम के सामने हक की बात की।
तेजस्वी ने कहा कि केंद्र ने 890 करोड रुपए राज्यों को दिया पर इसमें बिहार को शामिल नहीं किया गया है। बिहार को करोना के लिए पैसे नहीं दिए गए, ऐसे में नीतीश कुमार ने आखिर पैसे मांगे या नहीं। तेजस्वी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने भी पीएम से झूठ बोला है सीएम ने 5 मेडिकल कॉलेजों में जांच की बात कही है, जबकि अभी तक आईसीएमआर में एक को भी ने एक भी रेक्यूजिशन तक नहीं दिया है। यहां जांच के नाम पर सिर्फ झूठ बोला जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि अब नीतीश जी को हमारे ट्वीट से भी परेशानी हो रही है।वो आजकल हमारे ट्वीट करने पर भी गुस्सा हो जा रहे हैं। उन्होंने सीधे-सीधे बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे पर हमला करते हुए कहा कि मंगल पांडे ने कोरोनावायरस को लेकर विधानसभा में झूठ बोला था। गुरुवार को पटना में आयोजित प्रेस वार्ता में तेजस्वी ने कहा कि मंगल पांडे ने सदन में 3 लाख 25 हज़ार आरटीपीसीआर जांच की बात कही थी जो कि गलत है।
तेजस्वी यादव ने एक वीडियो दिखाते हुए आरोप लगाया कि बिहार के सरकारी अस्पतालों में कोरोना जांच के एवज में पैसे मांगे जा रहे हैं। ये कहां की व्यवस्था है समझ से परे है। प्राइवेट अस्पताल तो पहले ही जांच के बदले मोटी रकम वसूल रहे हैं अब सरकारी अस्पताल भी पैसे मांग रहे हैं।

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