राजस्थान में वरिष्ठ बनाम युवा के बीच गतिरोध जारी है। इस कारण राज्य सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इससे पहले मध्यप्रदेश में भी ऐसी ही स्थिति देखी गई थी जिसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़ दी और उनके साथ 20 से ज्यादा विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। परिणामस्वरूप कमलनाथ को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी। इन दोनों घटनाक्रम से सालों पुरानी पार्टी के अंदर वरिष्ठ बनाम युवा के बीच की लड़ाई सामने आ गई है। हालांकि वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कभी पायलट या सिंधिया को कुछ नहीं कहा। इसी बीच सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने युवा नेताओं की पार्टी छोड़ने को लेकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि उनके जाने से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि इससे नए नेताओं के लिए अवसर बनेंगे।
राहुल गांधी का यह बयान राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच आया है। इससे उन बातों पर एक तरह से विराम लग गया है जिनमें कहा जा रहा था कि पार्टी पूर्व उपमुख्यमंत्री को वापस लाने की कोशिश कर रही है। पार्टी की छात्र इकाई एनएसयूआई की एक बैठक को संबोधित करते हुए राहुल ने बेशक किसी का नाम नहीं लिया लेकिन उनकी टिप्पणी साफतौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट को लेकर थी।
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