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Chin ​की मोदी को नसीहत – अमेरिका के साथ दोस्ती पड़ स​कती है भारी

लद्दाख सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन के बीच तनाव को जहां सुलझाने का प्रयास जारी है तो वहीं चीन का सरकारी मीडिया माहौल बिगाडने में जुटा हुआ है। वह आए दिन भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है। अब ताजा संपादकीय में चीनी मीडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका का साथ ना देने की नसीहत दी है।
चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स ने चेतावनी भरे लहजे में लिखा कि अगर भारत चीन का विरोध करने के लिए अमेरिका के साथ गया तो चीन अपने हितों की रक्षा करने से हिचकेगा नहीं। फिर चाहे वे राजनीतिक हों या आर्थिक। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता हुआ चुनयिंग के हवाले से कहा कि चीन और भारत ने दोनों पक्षों के बीच बनी आम सहमति के बाद सीमा पर तनाव कम करने के लिए कदम उठाए हैं। कुछ हद सीमा पर तनाव कम होने से दोनों देशों के बीच भविष्‍य में आर्थिक और व्‍यापारिक आदान-प्रदान करने का मौका मिलेगा जो दोनों ही देशों के पक्षों के हित में है।
अखबार ने लिखा कि यदि तनाव बना रहता या सबसे खराब स्थिति में संघर्ष में बदलता तो भारत-चीन संबंधों में आगे बढ़ने के लिए कुछ खास नहीं बचता। उसने भारत को चेताते हुए लिखा कि यदि मोदी सरकार चीन को अपना दोस्‍त बनाने को चुनती है तो चीन-भारत आर्थिक संबंध निश्चित रूप से और ज्‍यादा बढ़ेंगे। लेकिन अगर भारत चीन को कमजोर करने के लिए अमेरिका के साथ गया तो चीन अपने हितों की रक्षा के लिए हिचकेगा नहीं, फिर चाहे वे राजनीतिक हों या आर्थिक। भारत के लिए चीन की दोस्‍ती को खोने की कीमत बहुत ज्‍यादा होगी जिसे सहना उसके लिए काफी मुश्किल होगा।’बता दें कि एक तरफ चीन अमेरिका के साथ भारत के मजबूत होते रिश्तों से रेशान है तो दूसरी तरफ दुनिया के आठ देशों ने चीन के खिलाफ मजबूत गठबंधन बनालिया हैै। ये गठबंधन न सिर्फ चीन के खिलाफ रणनीति बनाएगा बल्कि उसे माकूल जवाब भी देगा। अपने आप को चारों तरफ से घिरता देख चीन बौखलाया गया है, जिस कारण वह बार बार भारत को धमकी दे रहा है।

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