दुनिया की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता नहीं हासिल करने के लिए विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद की सरकारों ने रक्षा उत्पादन को बढ़ाने की बजाय आयात पर जोर दिया गया। इससे भारत हथियारों के निर्माण के मामले में पिछड़ गया। वर्ष 2014 में एनडीए की सरकार बनने के बाद हमने मेक इन इंडिया पर बल दिया जिससे भारत अब हथियार निर्यातक बनकर उभर रहा है। यूपी की राजधानी लखनऊ में आयोजित डिफेंस एक्सपो 2020 का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने कहा, डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में भारत कई वर्षों तक प्रमुख शक्तियों में से एक रहा। लेकिन आजादी के बाद हमने अपनी इस ताकत का उपयोग उस गंभीरता से नहीं किया, जितना हम कर सकते थे।
हमारी नीति और रणनीति इंपोर्ट तक सीमित रह गई। पीएम मोदी ने कहा, ‘दुनिया की दूसरी बड़ी आबादी, दुनिया की दूसरी बड़ी सेना और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, कब तक सिर्फ और सिर्फ आयात के भरोसे रह सकता था। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेजी के विजन पर चलते हुए भारत ने अनेक डिफेंड उत्पादों के निर्माण में तेजी हासिल की। 2014 तक यहां सिर्फ 217 डिफेंस लाइसेंस दिए गये थे। बीते 5 वर्षों में ये संख्या 460 हो गई है। यानी दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आतंकवाद आज दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती है और इससे निपटने के लिए भारत समेत दुनिया के बड़े देश इससे निपटने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि टेक्नॉलॉजी का गलत इस्तेमाल हो और आतंकवाद हो या फिर साइबर खतरा, ये पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती है। नए सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए दुनिया की तमाम डिफेंस फोर्सेस, नई टेक्नॉलॉजी को विकसित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अगले 5 साल में हमने 35 हजार करोड़ रुपये के हथियार निर्यात करने का लक्ष्य रखा है। दुनिया के सबसे बड़े डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘यह मेरे लिए दोहरी खुशी है। भारत के पीएम के नाते और उत्तर प्रदेश के सांसद होने के नाते मैं आपका स्वागत करता हूं। उत्तर प्रदेश डिफेंस मैनुफक्चरिंग का बड़ा हब बनने जा रहा है। इस बार का एक्सपो भारत का सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपो होने के साथ- साथ दुनिया के टॉप डिफेंस एक्सपो में शामिल हो गया है। इस बार 1 हजार हथियार बनाने वाली कंपनी इस एक्सपो का हिस्सा हैं।