बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के लिए जेडीयू राजनीतिक कॅरियर के लिहाज से ज्यादा सुरक्षित नहीं रह गई है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, ‘चुनावी रणनीतिकार के तौर पर प्रशांत किशोर ने पार्टी के लिए बहुत अच्छा काम किया है। अब वह तृणमूल कांग्रेस से जुड़ेंगे या नहीं, इस बारे में वह (किशोर) और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व फैसला करेगा।
उन्हें 29 जनवरी को पार्टी से निलंबित कर दिया गया। ऐसे में अब प्रशांत किशोर के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। सियासी गलियारे में चर्चा है कि प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेता कुछ भी साफ तौर पर बोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन टीएमसी में उनके शामिल होने की संभावनाओं को सिरे से खारिज भी नहीं किया।
बता दें कि प्रशांत किशोर इन दिनों तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीतिकार की भूमिका निभा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की तरह प्रशांत किशोर भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की खुलकर आलोचना करते रहे हैं। बता दें कि जेडीयू ने संसद में सीएए का समर्थन किया था। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी के साथ प्रशांत किशोर के बहुत बेहतर संबंध हैं। टीएमसी खुले दिल से स्वागत करने को तैयारनाम न बताने की शर्त पर तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि अगर किशोर पार्टी से जुड़ना चाहें तो उनका खुले दिल से स्वागत होगा, क्योंकि उनके जैसा रणनीतिकार 2021 के विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी से जुड़े, यह उपलब्धि होगी।