भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) ने आज सुबह देश की सुरक्षा के लिए इतिहास रच दिया है। इसरो ने सुबह 9.28 बजे मिलिट्री सैटेलाइट कार्टोसैट-3 (Cartosat-3) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। इसके लिए इसरो चीफ के. सिवन श्रीहरिकोटा मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में मौजूद रहे। उनके साथ मिशन के इंजिनियर्स और इसरो के टॉप साइंटिस्ट मौजूद हैं। कार्टोसैट-3 को भारत की आंख भी कहा जा रहा है क्योंकि इससे बड़े स्तर पर मैपिंग की जा सकेगी जिससे शहरों की प्लानिंग और ग्रामीण इलाकों के संसाधनों का प्रबंधन भी किया जा सकेगा।
अब भारतीय सेनाएं पाकिस्तान की नापाक हरकत और उनकी आतंकी गतिविधियों पर बाज जैसी नजर रख पाएंगी। जरूरत पड़ने पर इस सैटेलाइट की सहायता से सर्जिकल या एयर स्ट्राइक भी कर पाएंगी। ये आंख है हमारी सबसे ताकतवर मिलिट्री सैटेलाइट कार्टोसैट-3 (Cartosat-3), जो आज देश के दुश्मनों पर नजर रखेगी। देश की सबसे ताकतवर आंखें अंतरिक्ष में तैनात हो गई हैं। दुश्मन देशों और उनकी आतंकी गतिविधियों पर भारतीय सेनाएं बाज जैसी नजर रख सकेंगी।
दुश्मन देशों और उनकी आतंकी गतिविधियों पर भारतीय सेना की तरह बाज जैसी नजर रख सकेंगी।
यह कार्टोसैट सीरीज का नौवां सैटलाइट है जिसे चेन्नै से 120 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के सेकंड लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया। पीएसएलवी कार्टोसैट-3 को 509 किमी के पोलर सन-सिन्क्रनस ऑर्बिट में और अमेरिकी सैटलाइट्स को लॉन्च के 27 मिनट बाद ही प्रक्षेपित करेगा। इसरो ने मंगलवार को बताया था कि पीएसएलवी-सी47 अभियान के लॉन्च के लिए श्रीहरिकोटा में मंगलवार सुबह 7: 28 मिनट पर 26 घंटे की उल्टी गिनती शुरू की गई थी। पीएसएलवी-सी47 की यह 49वीं उड़ान है जो कार्टोसैट-3 के साथ अमेरिका के कमर्शल मकसद वाले 13 छोटे उपग्रहों को लेकर अंतरिक्ष में जाएगा।
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