सीआईडी (क्राइम) ने क्रिप्टोकरंसी इन्वेस्टमेंट घोटाले का भंडाफोड़ किया है जिसमें ६ आरोपी लोगों ने करीब १५,००० लोगों से ४३ करोड़ रुपये की ठगी की । इन लोगों ने अपने शिकारों से ३ अलग-अलग क्रिप्टोकरंसी स्कीम्स में दोगुना पैसा मिलने का झांसा किया । सीआईडी अधिकारियों को शक है कि इन इन्वेस्टर्स ने नोटबंदी के बाद अपना काला धन इन्वेस्ट करने की कोशिश की थी और आरोपियों ने इसे उड़ा लिया । आरोपियों ने अक्टूबर २०१७ में इंटरटेनमेंट बिजनस ट्रैवलिंग कॉइन नाम की क्रिप्टोकरंसी इन्वेस्टमेंट स्कीम लॉन्च की । लोगों को इसमें पैसे इनवेस्ट करने की झांसा दिया गया और जनवरी २०१८ में मल्टी-लेवल मार्केटिंग स्ट्रक्चर बनाया गया । दो महीने बाद पावरबीटी कॉइन लॉन्च की गई और फिर से लोगों को दूसरी क्रिप्टोकरंसी में इन्वेस्ट करने का झांसा दिया गया । इस स्कीम को अगस्त में बंद कर दिया गया और फिर तीसरी क्रिप्टोकरंसी स्कीम पावरयात्रा कॉइन लॉन्च की जो दो-तीन महीने बाद बंद कर दी गई । जांच अधिकारी डिटेक्टिव इंस्पेक्टर आरपी घरसंडिया ने बताया कि कंपनी के डायरेक्टरों ने पराद दोषी और जयेश दलवाड़ी राजकोट के रहने वाले हैं जिन्हें बुधवार को गिरफ्तार किया गया था । उनके अलावा कंपनी के पार्टनर देवेंद्र मदानी, किरीटसिंह जडेजा, भोगीलाल शाह और धीरजलाल जोगिया को भी रोजकोट में उनके घरों से गिरफ्तार किया गया । आरोपियों ने पहली दो स्कीमों में १४९५८ लोगों की आईडी बनाईं और ५०.४५ करोड़ रुपये निवेश हासिल किया । इसमें से उन्होंन १७.६५ करोड़ कमिशन दे दिया । तीसरी स्कीम में ७५९२ आईडी बनीं और ११.९१ करोड़ रुपये निवेश हुए । इसमें से १.५२ करोड़ रुपये इन्वेस्टर्स को दे दिए गए ।