इंडोनेशिया के सुदूरवर्ती मालुकु द्वीप में गत गुरुवार को आए तेज भूकंप में मरनेवाले लोगों की संख्या बढ़कर रविवार को ३० पर पहुंच गई । भूकंप से इमारतें धाराशाई हो गईं और घबराए लोग सड़कों पर उतर आए थे । भूस्खलन की घटनाएं भी हुई, जिनकी चपेट में आने से कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई । इन घटनाओं में ३ बच्चों के मारे जाने की पुष्टि हुई है । भूकंप प्रभावित एम्बोन शहर में मलबा गिरने से कई लोगों की मौत हो गई । एजेंसी ने बताया कि क्षेत्रीय गवर्नर ने ९ अक्टूबर तक आपात स्थिति की घोषणा की है । राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता एगस विबोवो ने कहा, रविवार सुबह तक ३० लोगों की मौत हो गई थी और अन्य १५६ घायल हैं ।आपदा प्रबंधन एजेंसी ने शुक्रवार को मृतक संख्या २३ से घटाकर १९ कर दी थी । विबोवो ने पहले बताया था कि तेज झटकों के कारण करीब २५,००० लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े । भूकंप के कारण सैकड़ों घर, कार्यालय, स्कूल और जन सुविधा स्थल क्षतिग्रस्त हो गए ।
अधिकारियों ने कई जिलों में आपात शिविर तथा सामुदायिक रसोइयों की व्यवस्था की है । अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग ने बताया था कि भूकम्प का केन्द्र मालुकु प्रांत के एम्बोन से ३७ किलोमीटर पूर्वोत्तर में २९ किलोमीटर की गहराई में था । बता दें कि सुलावेसी के पालू में पिछले साल ७.५ तीव्रता का भूकंप आने और फिर उठी सुनामी से ४,३०० से अधिक लोगों की मौत हो गई थी या वे लापता हो गए थे ।
रेडक्रॉस के अनुसार ६०,००० लोग अब तक अस्थायी आवासों में रह रहे हैं । सुमात्रा के तटीय हिस्से में २००४ में आए ९.१ तीव्रता के भूकम्प और सुनामी से इस क्षेत्र में और आसपास करीब २,२०,००० लोग मारे गए । इनमें से १,७०,००० लोग इंडोनेशिया में मारे गए थे ।