असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने बड़ा ऐलान किया है । उन्होंने कहा है कि जिन १९ लाख लोगों के नाम नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) में नहीं हैं, उनमें से अगर दस लाख लोगों को भी विदेशी घोषित कर दिया गया तो वह राजनीति छोड़ देंगे । असम में हाल ही में प्रकाशित की गई एनआरसी की फाइनल लिस्ट की निगरानी सुप्रीम कोर्ट कर रहा है । कहा जा रहा है कि इस लिस्ट में १९,०६,६५७ लोगों के नाम नहीं है । जिन लोगों के राष्ट्रीयता के दावों से इनकार किया गया है, वे अस्वीकृति की प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करने के बाद, अपना केस फॉरनर्स ट्राइब्यूनल में ले जा सकते हैं । गोगोई ने कहा कि कई वास्तविक भारतीय नागरिकों को एनआरसी से बाहर कर दिया गया । ऐसे अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि कई भारतीय लोगों के नाम अंतिम एनआरसी की लिस्ट में नहीं डाले गए । उन्होंने कहा, १९ लाख में से, अगर १० लाख भी विदेशी साबित होते हैं, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा ।
पूर्व मुख्यमंत्री ने फॉरेन ट्राइब्यूनल सिस्टम को लोगों पर बोझ बताया । उन्होंने कहा, ‘सरकार इस उद्देश्य के लिए एक अलग अपीलीय निकाय बना सकती थी, बजाए इसके कि गरीब लोग खुद को भारतीय साबित करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ें । उन्होंने कहा कि जिन लोगों के नाम एनआरसी लिस्ट में नहीं हैं उनमें से अधिकांश गरीब परिवेश के हैं और उनके पास कानूनी लड़ाई लड़ने के साधन नहीं हैं ।