महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और शिवसेना के बीच सीट बंटवारे को लेकर लंबी माथापच्ची के बाद अंतिम मुहर लग गई है । सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार देर रात सीएम देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना नेता व उद्योग मंत्री सुभाष देसाई के बीच मैराथन मीटिंग में तय हुआ कि बीजेपी १६२ सीटों पर और शिवसेना बाकी बची हुई १२६ सीटों पर चुनाव लड़ेगी । २०१४ के विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बनने की वजह से दोनों पार्टियों के बीच २५ साल पुराना गठबंधन टूट गया था और दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था । महाराष्ट्र में अन्य सहयोगी और छोटे दलों को बीजेपी १६२ सीटों के अपने कोटे से ही जगह देगी । ऐसी भी चर्चा है कि बीजेपी कमल के चिह्न पर चुनाव लड़ने के लिए छोटे सहयोगियों को साधने की कोशिश करेगी । एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि सीटों के बंटवारे को लेकर आधिकारिक घोषणा एक या दो दिन में हो जाएगी । इससे पहले शिवसेना ५०-५० के फॉर्म्युले पर जोर दे रही थी । शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने गुरुवार को कहा था कि बीजेपी को ५०-५० फॉर्म्युले का सम्मान करना चाहिए । बीजेपी को नसीहत देते हुए शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा था, अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में जो ५०-५० फॉर्म्युला तय हुआ था, बीजेपी को उसका सम्मान करना होगा । इससे पहले भी चर्चा थी कि बीजेपी शिवसेना को १२० से ज्यादा सीटें देने को राजी नहीं है । जबकि शिवसेना विधानसभा में १३५ सीटों पर लड़ना चाहती है और बीजेपी के हिस्से में भी इतनी ही सीटें देना चाहती है । वहीं, बाकी बची १८ सीटें सहयोगियों के लिए रखने के फॉम्युर्ले पर वह राजी है, लेकिन अब बीजेपी इसे स्वीकार नहीं कर रही । सूत्रों के मुताबिक बीजेपी का तर्क है कि २०१४ के चुनाव के मुकाबले इस साल आम चुनाव में पार्टी का वोट शेयर बढ़ गया है और पीएम नरेन्द्र मोदी की छवि के बूते ही लोकसभा में शिवसेना के १८ नेता अपनी सीटों को सुरक्षित रख पाए । इसलिए शिवसेना के मुकाबले बीजेपी ज्यादा सीटों पर दावा ठोक रही है ।