शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पवित्र ऐसा जन्माष्टमी का त्यौहार होने से श्रद्धालु भक्तों में काफी उत्साह और भक्ति का माहौल छाया गया है । सभी लोग भगवान भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन को मनाने के लिए काफी उत्सुक है, जन्माष्टमी के अगले दिन यानी कि, शुक्रवार को सातवें दिन से इस्कोन के श्रीकृष्ण मंदिरों में तो, जन्माष्टमी का महोत्सव शुरू हो गया था लेकिन असली माहौल तो श्रीकृष्ण मंदिरों में होगा । शनिवार को शहर सहित राज्यभर में जन्माष्टमी का त्यौहार धूमधाम से और भक्तिभाव के साथ मनाया जाएगा । शनिवार को तीर्थयात्रा द्वारका, डाकोर, शामलाजी में तो श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की विशेष तैयारियां की गई है जहां लाखों की संख्या में लोग पहुंचेंगे । दूसरी तरफ, शहर के सोला भागवत के रसराजप्रभुजी के मंदिर, इस्कोन में राधाकृष्ण मंदिर, भाडज के हरेकृष्ण मंदिर, आश्रमरोड पर वल्लभसदन सहित के कृष्णमंदिरों में कृष्ण जन्मोत्सव को तैयारियां चल रही है । डाकोर के प्रसिद्ध रणछोडरायजी मंदिर में शनिवार को जन्माष्टमी के त्यौहार को लेकर रात के १२ बजे भगवान रणछोडरायजी को पंचामृत स्नान कराया जाएगा, इसके बाद उनको भव्य आभूषणों, गहनों को पहनाकर श्रृंगार किया जाएगा । विशेष रत्नजडित बड़ा मुकुट पहनाया जाएगा । इसके बाद श्रीकृष्ण भगवान को सोने के झुले में झुलाया जाता है । शनिवार को पूरी रात भक्तों के लिए डाकोर का रणछोडरायजी मंदिर खुला रहेगा । इसके बाद रविवार को सुबह में पांच से ५.३० महाभोग की आरती होगी और नौवें दिन होने से भगवान को झुले में झुलाया जाएगा इसके साथ १२.३० बजे नंदमहोत्सव का भव्य उत्सव होगा । इस दौरान द्वारका मंदिर के तीर्थपुरोहित त्रिलोचनभाई ठाकरे ने बताया है कि, प्रसिद्ध द्वारका में सुबह में ८ बजे द्वाराकाधीश को खुले पर्दे पंचामृत स्नान कराया जाएगा ।जो पूरे वर्ष में जन्माष्टमी के एक ही दिन खुले पर्दा की स्नानविधि होती है । इसके बाद आरती और दर्शन, सुबह में ११ बजे श्रृंगार आरती, दोपहर में १२ बजे राजभोग, शाम को पांच बजे से दर्शन, संध्या आरती सहित नौ बजे तक दर्शन खुला रहेगा ।
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