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चलिये, मानसूनी मौसम में “ममता चाय” की चुस्कियां लेते है, आमार बंग्ला..!

चाय गरम…चाय गरम….चाय गरम….राजनीति नरम….राजनीति नरम…! देश के पूर्वोत्तर प. बंगाल से अब जय श्रीराम के साथ चाय गरम…की आवाजे आ रही है….! बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक गांव की मुलाकात के दौरान चाय की दुकान पर गइ और खुद चाय बनाकर वहां हाजिर सभी को अपने हाथों से गरम गरम चाय पिलाई। भारत की राजनीति में चाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी के जीवनी के साथ जूडी बात है। वे वडनगर रेल्वे स्टेशन पर बचपन में अपने पिता दामोदरदास के साथ चाय बेचा करते थे। ये बात उन्होंने ही सब से बार बार 2014 के चुनाव में की थी। उन्होंने चुनाव में इसके प्रचार के कई तरीके भी आजमाये और प्रधानमंत्री बन गये। एक चायवाला प्रधानमंत्री बन सकता है तो एक चायवाली क्यों नही…? शायद ऐसी ही कुछ सोच के साथ ममतादीदीने भी मोदीजीवाला तरीका आजमाया और खुद चाय बनाकर सब को पिलाने के साथ उसका भरपूर प्रचार भी कर रही है। गौरतलब है की कुछ ही महिनों में बंगाल में विधानसभा चुनाव होने है।
ये चुनाव भी न न जाने क्या क्या करवाता है हमारे नेता और अभिनेताओं से। चुनाव में जीतने के लिये कितने पापड बैलने पडते है। कीसी गरीब के बच्चे को गोद में बिठाकर उसका नाक साफ करना पडता है तो कीसी ने बच्चे की पोट्टी भी साफ करने का विडियो वायरल हुवा था पिछले चुनाव में। याद है हेमामालिनी…? पिछले चुनाव में वे कीसी के खेत में पहुंची और खेतीकाम करने लगी..फोटो सेशन हुवा। विडियो वायरल भी हुवा। चुनाव जीत गई। अब उस खेत में क्या उग रहा है या उस खेत के मालिक किसान की क्या हालत है उसकी उन्होंने जानकारी ली होंगी या नहीं ये तो हे..मा ही जाने। लेकिन उन्होंने वोट बटोर लिये। ईसी तरह ममता बनर्जी भी वोट बटोरने के लिये चाय के साथ न जाने क्या क्या राजनीतिक ड्रामा करेंगी इसके बारे में कोइ कुछ नहीं जानता। ममता के सामने ईस बार वामपंथी या कांग्रेस नहीं लेकिन जयश्री राम वाले चुनाव के मैदान में नजर आनेवाले है। उनसे बचने के लिये और फिर एक बार सत्ता पाने के लिये ममता ने मानो अपनी सभी ताकात लगा दी हो।
जो ममतादीदी को जानते है वे उनका ये चायवाला नया रूप देख कर हैरान से हो गये होंगे। उन्हों ने कुछ समय पहले उनकी गाडी रोक कर जयश्री राम के नारे लगानेवाले कार्यकर्ताओं को जो लताडा था वह उनका दुर्गा रूप देख कर हर कोइ चौंक गये थे। वही ममतादीदी बडे आराम से गांव की चाय की दुकान पर जा कर बडे आराम से बातें कर रही है। कीसी बच्ची को गोद में उठाया। उसे कुछ खाने को भी दिया। और फिर चाय भी पिलाई। युं कहे की भारत की राजनीति में अब ममता चाय आ गई है। हालांकि ईस तरह चाय बेच कर वे फिर से मुख्यमंत्री बनेगी या नहीं ये तो बंगाल के मतदाता ही तय करेंगे। फिलहाल तो मानसूनी मौसम में ममता चाय की चुस्कियां लिजिये जनाब…!! रोसेगुल्ला के साथ…वाह क्या बात है….!

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