गुजरात सरकार ने गुजरात प्रोवीन्शीयल म्युनिसिपल कोर्पोरेशन (जीपीएमसी) एक्ट में महत्वपूर्ण बदलाव कर अहमदाबाद म्युनिसिपल कमिश्नर, आसीस्टन्ट म्युनिसिपल कमिश्नर तथा अन्य अधिकारियों की नियुक्ति करने की सत्ता अपने हस्तक लेने पर गुजरात हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण रिट याचिका दाखिल कराई गई हैं । अहमदाबाद म्युनिसिपल कोर्पोरेशन के विपक्ष के पूर्व नेता बदरुद्दीन शेख द्वारा की गई याचिका में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, शहरी विकास सचिव, कानून सचिव, सामान्य वहीवटी विभाग के सचिव समेत के पक्षकारों को नोटिस जारी की हैं । हाईकोर्ट ने मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा हैं । बदरुद्दीन शेख द्वारा की गई याचिका में एडवोकेट विशाल पटेल ने कहा कि राज्य सरकार ने जीपीएमसी एक्ट में विवादित बदलाव कर बील विधानसभा मंे पास कर उसका कानून बनाकर गेजेट में प्रसिद्ध कर दिया हैं । लेकिन कानून द्वारा सरकार ने अहमदाबाद म्युनिसिपल समेत सभी आठ कोर्पोरेशन में नियुक्ति की सत्ता अपने हस्तक ले ली हैं । पहले यह सत्ता कोर्पोरेशन के पास थी । सरकार का यह निर्णय गैरकानूनी, गैर संविधानिय और अयोग्य हैं जिसे रद्द करना चाहिए । अर्जीकर्ता द्वारा हाईकोर्ट में कहा गया हि पहले कोर्पोरेशन के पास सत्ता होने से कोर्पोरेसन का वहीवट कोर्पोरेशन की स्थिति से वाकिफ ऐसे कोर्पो में से नियुक्त हुए अधिकारियों द्वारा होता था । जिसके कारण कार्य में एकसूत्रता देखने मिलती थी । संविधान में ७४ एमेन्डमेन्ट अनुसार संविधान में म्युनिसिपल को स्वतंत्रता दी गई है कि उसका वहीवट सुद्दढ़ तरीके से करे । तब संविधान में बदलाव करने सरकार को सत्ता नहीं है । संविधान में स्टेटलीस्ट ए में राज्य सरकार की जिम्मेदारी का स्पष्ट उल्लेख किया गया हैं । जिसमें यह बात शामिल नहीं होती हैं । जिसके कारण इस निर्णय को रद्द करना चाहिए ।