केंद्र सरकार ने अभी तक भारतनेट प्रॉजेक्ट के लिए कुल २०,४३१ करोड़ रुपये आवंटित कर दिए हैं । बता दें कि भारतनेट प्रॉजेक्ट के जरिए सरकार का लक्ष्य देश के २.५ लाख गांवों को हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जोड़ना है । गुरुवार को संसद में यह जानकारी दी गई । दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा, भारतनेट प्रॉजेक्ट के तहत भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड को यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड से करीब २०,४३१ करोड़ रुपये (१०,२८६ करोड़ पहले चरण में और १०,१४५ करड़ दूसरे चरण में) आवंटित कर दे दिए गए हैं । नवंबर २०१७ में साझा किए गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारतनेट के दोनों चरणों की कुल लागत ४५,००० करोड़ रुपये थी । भारतनेट प्रॉजेक्ट के तहत, देश की २.५ लाख ग्राम पंचायत (GPS) में वाई-फाई या किसी दूसरी उचित ब्रॉडबैंड टेक्नॉलजी के जरिए ब्रॉडबैंड या इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराने के लिए डिवाइसेज को कनेक्टिविटी दी जाएगी । प्रसाद ने कहा, औसतन अभी एक वाई-फाई यूजर द्वारा करीब ५२ एमबी डेटा प्रति महीने इस्तेमाल किया जाता है । उन्होंने कहा, ४ जुलाई, २०१८ तक देश में करीब ३४५,७७९ किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा चुकी है, १,३१,३९२ ग्राम पंचायतों को कनेक्ट किया जा चुका है, जिनमें से १,२०,५६२ गांवों में इंटरनेट सेवा मिलने को तैयार है । भारतनेट प्रॉजेक्ट के तहत सैटलाइट मीडिया के जरिए करीब ३६२० ग्राम पंचायतों को जोड़ने की योजना है । ये गांव अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, झारखंड और अंडमान व निकोबार द्वीप में स्थित हैं । मंत्री ने बताया कि इन गांवों में GSAT-11 के जरिए कनेक्टिविटी मुहैया कराई जाएगी ।
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