लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने खुलकर कमियों पर बात की है। कांग्रेस की लीडरशिप को लेकर अनिश्चितता के बीच पार्टी के नेता आनंद शर्मा ने चुनावी घोषणापत्र में भी कुछ खामियां गिनाईं। उन्होंने साफ कहा कि राजद्रोह कानून को खत्म करने और आर्म्ड फोर्सेज (स्पेशल पावर्स) ऐक्ट में बदलाव जैसी बातों को घोषणापत्र में शामिल करने से कांग्रेस को काफी नुकसान हुआ।
सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखेंआपको बता दें कि कांग्रेस के घोषणापत्र में इस बात का जिक्र किया गया था कि कश्मीर में सेना की तैनाती को कम किया जाएगा। HTN तिरंगा टीवी को दिए इंटरव्यू में शर्मा ने कहा कि पुलवामा हमले और बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद बीजेपी ने अति-राष्ट्रवाद का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया और इसका राजनीतिकरण किया। उन्होंने कहा कि पार्टी उस नैरेटिव का संतुलन नहीं बना सकी। शर्मा ने यह भी कहा कि पार्टी के घोषणापत्र के संदर्भों को बीजेपी ने गलत तरीके से और तोड़-मरोड़ कर प्रचारित किया।
राज्यसभा सांसद शर्मा ने चुनाव बाद पार्टी में संकट होने की बात भी खुलकर स्वीकार की। उन्होंने कहा, संकट है क्योंकि इतनी बड़ी हार होगी, हमने ऐसा सोचा नहीं था…कांग्रेस अध्यक्ष ने इस्तीफे की पेशकश की जिसे नामंजूर कर दिया गया। इसके बाद अबतक के समय में अनिश्चितता बनी रही। अब समय आ गया है कि हमें ईमानदार तरीके से आगे बढ़ना चाहिए और आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। हमें उन मुद्दों और फैक्टर्स की पहचान करनी होगी जहां गलती हुई। संगठन या कैंपेन में क्या कमजोरी रह गई…क्योंकि चुनाव के बाद हम खत्म होने वाले नहीं हैं।
इंटरव्यू में शर्मा ने कहा, घोषणापत्र में तीन चीजों का जिक्र- राजद्रोह कानून को खत्म करना या AFSPA में बदलाव, जिसे गलत तरीके से जनता के सामने रखा गया। मैं इसके लिए आरोप भी नहीं लगा सकता क्योंकि यह चुनाव था जिसे लड़ा गया। हार की तीसरी बड़ी वजह के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि यह कश्मीर में सेना की तैनाती से संबंधित था।