जम्मू, राज्य ब्यूरो: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रधान महबूबा मुफ्ती ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि वह काले कानूनों से कश्मीरियों को प्रताड़ित कर उन्हें खामोश करने के तरीकों को देश के अन्य हिस्सों में लोगों की आवाज दबाने के लिए कर रही है।जम्मू संभाग में पार्टी गतिविधियों को तेजी देने के लिए पहुंची महबूबा मुफ्ती का कहना है कि चाहे किसान कानून या फिर नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन हाें, दोनों बार प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रविरोधी करार दे इन शांतिपूर्ण आंदोलनों को दबाने के लिए आतंकवाद विरोधी कानूनों का सहारा लिया गया। महबूबा ने लगातार दूसरे दिन किसानों के मुद्दे पर केंद्र को घेरते हुए शुक्रवार को ऐसा सोशल साइट टि्वटर पर लिखा है। इससे पहले उन्होंने वीरवार को भी 26 जनवरी को हुई हिंसा पर सरकार को घेरते हुए किसान कानून हटाने का मुद्दा उठाया था। नुजहत गुल को जम्मू-कश्मीर स्पोटर्स काउंसिल का सचिव बनाया गया है।
जम्मू संभाग के एक सप्ताह के दौरे पर पहुंची महूबबा मुफ्ती ने जम्मू में पार्टी नेताओं से बैठक कर उन्हें संगठनात्मक गतिविधियों में तेजी लाकर पार्टी को मजबूत बनाने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कई वरिष्ठ नेताओं के पार्टी छोड़ने से उपजे हालात पर चर्चा करने के साथ आगे की रणनीति पर भी विचार विमर्श किया। पीडीपी अब विधानसभा चुनाव को नजर में रखते हुए जमीनी सतह पर आधार मजबूत करने की राह पर है।ऐसे में अब जम्मू जिले के बाद महबूबा मुफ्ती संभाग के राजौरी-पुंछ जिलाें में तीन दिन डेरा डाल कर वहां पार्टी गतिविधियों को तेजी देने के मुद्दे पर वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें करेंगी। किसान हिन्दोस्तान की रीढ़ की हड्डी हैं, उनके खिलाफ यह सख्त रवैया बर्दाश्त के बाहर है। महबूबा मुफ्ती शनिवार को पुंछ जिले के मेंढर रवाना हो रही हैं। वह 31 जनवरी तक पुंछ में बैठकें करने के बाद एक फरवरी को राजौरी जिले में बैठकों में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी लेंगी। इसके बाद महबूबा मुफ्ती अपना जम्मू दौरा समेट कर कश्मीर के लिए रवाना हों जाएंगी।