(१) सच्चे इंसान की व्यथा…
जब जब इंसान अच्छा बनने की कोशिष करते हैं….
तब तब दुनिया रिजेक्ट करने लगती है.
(2) मुझे मालूम है कि वो रास्ते
कभी मेरी मंजिल तक नहीं जाते हैं,
फिर भी मैं चलता हूं क्यों कि
उस राह में कुछ अपनो के घर भी आते हैं..!