गांधीधाम मुंगफली घौटाला फिर से लोगों के बीच सामने आया है। गुजरात सरकार ने जो समर्थन मुल्य की किमत से किसानों से मुंगफली खरीदी की उस मुंगफली में कही न कही कंकडों की मिलावट वाली बोरी सामने आयी है। जिसको लेकर किसानों ने किसान सेल में अपने हक के लिए शिकायत दर्ज करवाकर मुंगफली के गौडाउनों में अचानक से छापेमारी कर दि। लेकिन छापेमारी दौरान मुंगफली की बोरी के अंदर मिट्टी के बढे बढे कंकड देखने को मिले। मुंगफली के मामले पर गुजरात विधानसभा के विरोध पक्ष के नेता परेश धानाणी ने सरकार को घेरते हुए कहा कि, भाजपा सरकार के दलालों के द्वारा मुंफली में करोडो रूपिये का घौटाला किया गया है जिसे छुपाने के लिए भाजपा सरकार प्रयास कर रही है और मुंगफली मामले चुप्पी साधे हुए है। विरोध पक्ष के नेता ने यह भी कहा कि इस घौटाले के तार गुजरात के मुख्यमंत्री के दप्तर से जुडे हो सकते है। जिससे में कहता हु कि चौकीदार चोर है इसलिए सरकार इस घौटाले की तपास नही करवा रही है। गुजरात में मुंगफली घौटाला कोई पहला घौटाला नही बल्कि कई सारे घौटालों से घीरा है गुजरात का राजकारण।
गुजरात के गांधीधाम मुंगफली घौटाले में विरोध पक्ष के नेता ने बताया कि 2017 विधानसभा के चुनावों में भाजपा सरकार ने कही न कही राजनितीक रोटी शेकने का प्रयास किया और किसानों से समर्थन मुल्य की किमत पर खरीदी गई मुंगफली खरीदना एक ढोंग बताया। परेश धानाणी ने कहा कि हमने तो इस मुद्दे को लेकर कई बार सरकार में शिकायत दर्ज करवाना चाहा लेकिन राज्य सरकार ने एक भी बार हमारी मांग सुनी नही और मांगो को अनदेखा कर दिया।
मुंगफली का घौटाले को लेकर हम फिछले दुसरे महिने से आन्दोलन कर रहे है लेकिन ये सरकार अंधी है, बहरी है जिसके कारण हमारी परिपत्रों को देख नही सकती और पढ़ नही सकती। जिससे मतलब साफ होता है कि भाजपा सरकार मुंगफली घौटाला करने वालों का साथ दे रही है और उनको बचाने का प्रयास कर रही है इसलिए अभी तक इस मामले पर कोई कार्यवाही नही कि गई है लेकिन कांग्रेस सरकार गुजरात के किसानों के साथ है भले ही सरकार इस घौटाले को ढांकने का प्रयास क्युं न कर रही हो। हम इस मामले को लेकर पुरे गुजरात के किसानों के साथ है। मुंगफली घौटाले को लेकर हमने उच्च न्याय पालिका के सिटींग जज के द्वारा इस मामले की जपास हो एसा फरमान रखा लेकिन सरकार ने हमारे फरमान के ठुकरा दिया। सत्ता के जोश में भारतीय जनता पार्टी फिलहाल किसानों के साथ न्याय कर रही है। अगर मुंगफली मामले कांग्रेस के नेता मुंगफली के गौडाउन में जाने से नाकेबंदी कर दी है जिससे हमें मुंगफली की बोरी जांच नही करने दि जाती अगर सरकार बोरिओं को हमें जांचने देती है तो कही न कही सरकार की पोल हमारे द्वारा बहार आ जायेगी।
आज की तारीख में भी गांधीधाम के तमाम गौडाउन में मुंगफली को लेकर सबूत उल्टे मिल पा रहे है जिसके कारण यह घौटाला लोगों के सामने धीमे धीमे आ रही है। यह घौटाला 4 करोड का जिसका हिसाब सरकारी तीजोरी में नही है। जिससे कह सकते है कि चौकीदार चोर है। दलालों के सहारे ये पुरा घौटाला किया गया है लेकिन कांग्रेस इस घौटाले पर से पर्दा हटाने के लिए आनेवाले समय में आंदोलन करेगी।