कांग्रेस ने कहा कि बेशक, राहुल अपने इस्तीफे पर अड़े हुए हैं लेकिन वही भारत की सबसे पुरानी पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। लोकसभा चुानव में करारी हार मिलने के बाद बुलाई गई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल ने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्हें कांग्रेस नेताओं ने पद पर बने रहने और इस्तीफा न देने के लिए कई बार मनाया। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश से जुड़े सवाल पर कहा, रणदीप सुरजेवाला ने कल जो कहा था उसके बाद में स्थिति में कोई बदलाव नहीं है। यथास्थिति बनी हुई है।
सिंघवी से पहले रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था कि राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था, राहुल पार्टी अध्यक्ष थे, हैं और रहेंगे। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हरीश रावत ने भी कहा कि गांधी के नेतृत्व में देश की सबसे पुरानी पार्टी हार को जीत में बदल सकती है। रावत ने कहा, रणदीप सुरजेवाला जी ने जो कहा है मैं उसी को दोहराता हूं कि राहुल गांधी अध्यक्ष थे, हैं और रहेंगे। देश भर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की यह भावना है कि राहुल जी अध्यक्ष बने रहें। उनके नेतृत्व में कांग्रेस हार को जीत में बदल सकती है।
उन्होंने कहा, राहुल गांधी ने एक अच्छा चुनावी अभियान चलाया, हम सफल नहीं हुए। अब हमें पूरे उत्साह और ऊर्जा के साथ काम करना है। संगठन को मजबूत करना है ताकि आरएसएस और भाजपा के दुष्प्रचार को विफल किया सके। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को महज 52 सीटों पर जीत मिली है। 2014 के मुकाबले वह केवल आठ सीटें ज्यादा जीत पाई है। पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल ने पद से इस्तीफा दिया था।
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