बिहार में भीषण गर्मी के बीच चमकी बुखार का कहर जारी है । राज्य के मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के इलाकों में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) से पिछले एक हफ्ते में तकरीबन २३ बच्चों की मौत हो चुकी है । यह बीमारी हर साल इसी मौसम में मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के इलाकों के बच्चों को अपनी चपेट में लेती है । मौसम में तल्खी और हवा में नमी की अधिकता के कारण होने वाले वाले इस बुखार को लेकर राज्य के सीएम नीतीश कुमार भी चिंता जता चुके हैं । उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इस पर नजर बनाए रखने को कहा है । चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेमोरियल कॉलेज हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) और केजरीवाल मातृ सदन में भर्ती होने का सिलसिला जारी है । एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. सुनील शाही ने सोमवार को बताया कि एसकेएमसीएच में सोमवार को बुखार से पीड़ित २० बच्चे पहुंचे हैं, जिन्हें पीसीआईयू में भर्ती कराया गया है । उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में अब तक ७२ पीड़ित बच्चों को भर्ती कराया गया है, जिसमें से इलाज के दौरान १९ बच्चों की मौत हो चुकी है । शाही ने बताया कि इनमें से अधिकांश बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी अचानक शुगर की कमी और कुछ बच्चों के शरीर में सोडियम (नमक) की मात्रा भी कम पाई जा रही है । उन्होंने कहा कि एईएस के संदिग्ध मरीजों का इलाज शुरू करने से पहले चिकित्सक उसकी जांच कराते हैं । ब्लड शुगर, सोडियम, पोटैशियम की जांच के बाद ही उसका इलाज शुरू किया जाता है । इधर, केजरीवाल अस्पताल के प्रबंधक ने कहा कि एक हफ्ते के भीतर यहां चमकी बुखार से पीड़ित ३९ बच्चों को भर्ती किया गया, जिसमें से ४ बच्चों की मौत हो गई । मैनेजर ने बताया कि सात बच्चों का अभी भी इलाज चल रहा है । एसकेएमसीएच में चिकित्सकों और कर्मियों की २४ घंटे ड्यूटी लगाई गई है । उमस भरी गर्मी के कारण ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है । इधर, मुजफ्फरपुर में फैली बीमारी एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) से हो रही बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले पर नजर रख रहा है ।
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