ग्रीष्मकालीन धान, मक्का, उडद की पोनो दो गुनी बुवाई हुई है । दुसरी और औसत की तुलना में प्याज की बुवाई देढ गुना हुई है । प्रदेश में इस बार प्याज की बुवाई अधिक होने से इस वर्ष प्याज सस्ते रहने के आसार दिख रहे है जिससे लोगों को बडी राहत मिल सकती है । खाद्यान-दलहन भी इस बार सस्ते रह सकते हैं । जानकारी के अनुसार गुजरात में इस वर्ष १५ मार्च से १५ मई के दौरान बोई जाने वाली ग्रीष्मकालीन फसलों की पिछले तीन वर्षो में करीब ९.८३ लाख हेक्टर में बुवाई हुई है । पिछले वर्ष आठ मई तक करीब ७.५८ लाख हेक्टर में ग्रीष्मकालीन फसले बोई गई थी । इनमें धान ३३,७०० हेक्टेयर, बाजरा २.४९ लाख हेक्टेयर, मक्का ६१०० हेक्टेयर, मूंग ३३,६०० हेक्टेयर, उडद ९००० हेक्टेयर, मूंगफली ५९,३०० हेक्टेयर, तिल १३,००० हेक्टेयर, प्याज १०,८०० हेक्टेयर, गन्ना ३२०० हक्टेयर, घासचारा २.३७ लाख हेक्टेयर, ग्वार फली १०,००० हेक्टेयर तथा अन्य फसलों की ५९०० हेक्टेयर में बुवाई शामिल है । जबकि इस बार आठ मई तक के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार ग्रीष्मकालीन फसलों की ८.३० लाख हेक्टर में बुवाई हो गई जो औसत बुवाई की ८४ फीसदी है ।
प्रदेश में चालू वर्ष में आठ मई तक बोई गई ग्रीष्मकालीन फसलों की स्थिति पर गौर करें तो धान की ५६,१०० हेक्टेयर, बाजरा २.५३ लाख हेक्टेयर, मक्का १२,७०० हेक्यर, मूंग ३२,६०० हेक्टेयर, उड़द ८४०० हेक्टेयर, मूंगफली ६९,७०० हेक्टेयर, तिल २१,४०० हेक्टेयर, प्याज १४,२०० हेक्टेयर, गन्ना १३,८०० हेक्टेयर, सब्जियां ९७,७०० हेक्टेयर, ग्वार फली ७२०० हेक्टेयर एवं अन्य फसलों की ४४०० हेक्टयर में बुवाई हुई ।
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