रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सवालों का जवाब दिया । उन्होंने कहा कि लन्रु के साथ २०१४ से २०१८ के दौरान २६ हजार करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं और ७२ हजार करोड़ रुपये के अनुबंध पाइपलाइन में हैं, इसलिए लोकसभा में दिए उनके वक्तव्य पर संदेह खड़े करना गलत और गुमराह करने वाली बात हैं । निर्मला के इस जवाब के बीच राहुल ने ट्वीट कर लन्रु कर्मचारियों की सैलरी का नया मुद्दा उछाल कर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की । लोकसभा में शून्यकाल शुरू होने पर अपने वक्तव्य में निर्मला ने कहा कि उनके बयान की पुष्टि खुद एचएएल की ओर से की गई । उन्होंने कहा कि २०१४ से २०१८ के दौरान एचएएल ने २६५७०.८ करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं तथा ७३,००० करोड़ रुपये के अनुबंध पाइपलाइन में है । इस तरह से एचएएल के पास कुल एक लाख करोड़ रुपये के अनुबंध है । मंत्री ने कहा कि चार जनवरी को राफेल मामले पर चर्चा का जवाब देते हुए एचएएल को मिले अनुबंध के संदर्भ में जो बात की थी, उसकी पुष्टि खुद एचएएल की तरफ से की गई है । उन्होंने कहा, मेरे चार जनवरी के वक्तव्य को लेकर संदेह खडे करना गलत और गुमराह करने वाली बात है । रक्षा मंत्री के वक्तव्य के दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा किया और गलतबयानी का आरोप लगाया । इस दौरान कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हमने सदन को गुमराह करने को लेकर रक्षा मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे रखा है । इस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि यह नोटिस उनके विचारधीन है । इनके बाद राहुल गांधी ने एचएएल को सैलरी का मुद्दा उठा दिया । राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, एचएएल के पास कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए रुपये नहीं है, क्यां यह चौकानेवाला नहीं है ? बगैर सैलरी के एचएएल के टैलंट को एए के बेंचर में जाने पर मजबूर होना पडेगा । वहीं सदन में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खाड़गे ने कहा कि यहि एचएएल के साथ कॉन्ट्रेक्ट हुआ है तो उनके पास कर्मचारियों को देने के लिए पैसा क्यो नहीं है ? खड़गे ने राफेल मामले में जेपीसी की मांग दोहराई है ।
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