कोयले की कीमत वृद्धि का कारण देकर अदानी, एस्सार, टाटा को गुजरात सरकार को वर्तमान करार की कीमत पर बिजली देने का बंद किया गया है । अब कमिटी की सिफारिश को ध्यान में लेकर सरकार ने यह कंपनी के पास से खरीदी जाती बिजली की दर में प्रति यूनिट ४० से ८० पैसा तक की वृद्धि करने की मंजूरी दी है । इसकी सीधी असर ग्राहकों पर पड़ेगी । सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कंपनियों को बिजली दर में वृद्धि करने का इनकार किया था । इसके बाद राज्य सरकार ने कमिटी की रचना की थी । यह कमिटी की सिफारिशें सरकार ने ज्यादातर स्वीकार कर लिया है । सरकार अब तीन कंपनियों को बुलाकर संशोधन दर के साथ नया पावर पर्चेज एग्रीमेन्ट करेंगे । जिसमें ऐसी शर्त रखी जाएगी कि १० वर्ष बाद यह पीपीए रद्द करने का सरकार को पूरा अधिकार रहेगा । बिजली की खरीदी मामले में भी सरकार का नियंत्रण रहेगा । फिलहाल कोयले की कीमत प्रति मैट्रिक टन १०० डॉलर है, ११० डॉलर तक की कीमत हो वहां तक ही वृद्धि की कीमत कंपनियों को मिलेगी । इंडोनेशिया में कोयला की कीमत अचानक बढ़ जाने से और विभिन्न राज्यों द्वारा कीमत वृद्धि मना करने के बाद यह नुकसान में चल रही है । इसमें बिजली खरीदनेवाले राज्यों ने पीपीए की जिम्मेदारी संभालते दर बढ़ाने से इनकार कर दिया था । जिसकी वजह से विभिन्न नियामकों, कोर्ट ने समिति और सरकारों के बीच फंसा हुआ था । यह घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए टाटा पावर ने सोमवार को मुंबई शेयर बाजार को भेजे गये सूचना में कहा गया है कि कंपनी गुजरात सरकार द्वारा एक उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशें स्वीकार करने का प्रस्ताव का स्वागत करती है । इसमें मुद्रा अति वृहद बिजली प्रॉजेक्ट को कुछ राहत मिलेगी, जो गुजरात की १५ फीसदी बिजली की जरूरत को योग्य कीमत पर उपलब्ध कराती है । यह राहत से कोस्टल गुजरात पावर को अपना संचालन चालू रखने के लिए और पांच लाभार्थी राज्यों के लिए प्रतिबद्धता को पूरी करने में मदद मिलेगी ।