सियासी रसातल में जा पहुंची कांग्रेस को दोबारा खड़ा करने की राहुल गांधी की कवायद को कांग्रेसियों का ही पूरा साथ नहीं मिल रहा है । यूपी में वजूद की जंग लड़ रही कांग्रेस के लिए २०१९ से पहले छेडे़ गए शक्ति अभियान में कांग्रेसी खुद जुड़ने और अन्य को जोड़ने में कोताही बरत रहे हैं । यानी कांग्रेस अपनी पार्टी के मुखिया राहुल गांधी को शक्ति नहीं दे पा रहे हैं । प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, राहुल के मिशन में पिछड़ने से बेहद खफा है । उन्होंने सूबे के सभी जिला और शहर अध्यक्षों को नाराजगी भरा पत्र लिखकर मिशन राहुल में तवज्जो नहीं दिखाने पर आडे़ हाथ लिया । इस कदम को चिंताजनक बताते हुए सभी से अब तक क्या किया और आगे क्या योजना है, इसकी पूरी रिपोर्ट तलब की है । एक तरफ जहां बीजेपी, बीएसपी, एसपी और आरएलडी चनावी तैयारी में जी जान से ले हैं । बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ता और पदाधिकारी चुनावी तैयारी के लिए शुरू किए गए प्रोग्राम में राहुल गांधी के निर्देश पर भी पूरी तरह अमल नहीं कर रहे हैं । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों से सीधा संवाद स्फाति करने और उन्हे आपस में जोड़ने के लिए शक्ति नाम का एक प्रोग्राम पिछले दिनों शुरू किया है । इस प्रोग्राम से जुड़ने के लिए कार्यकर्ता और पदाधिकारियों को अपने मोबाइल में अपने वोटर आईडी नंबर टाइप कर रालु गांधी की एक तरफ से जारी एक मोबाइल नंबर पर भेजना है । ऐसा करते ही पदाधिकारी या कार्यकर्ता सीधे तौर पर शक्ति प्रोग्राम से जुड़ जाएगा, उसके बाद राहुल गांधी इन वर्करों से सीधे मोबाइल से भी बात कर सकते हैं और वर्करों की टीम बनाकर सीधे तौर पर दिल्ली या लखनऊ में मिलकर सियासी हालात पर चर्चा कर सकते हैं ।
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