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मानसिक बीमारियों को भी कवर करेंगी इश्योरेंस कंपनियां

इश्योरेंस सेक्टर के नियम-कायदे तय करनेवाली संस्था इश्योरेंस रेग्युलेटरी ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी (इरडा) ने इंश्योरेंस कंपनियों को मानसिक बीमारी (मेंटल इलनेस) को भी मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर करने को कहा है । इरडा ने स्पष्ट किया है कि मानसिक बीमारियों को भी शारीरिक बीमारियों की तरह ही माना जाए । इसे संस्था की ओर से मानसिक बीमारियों से जुड़े मिथकों और हीन भावनाओं को मिटाने की तरफ बढ़ाए गए एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है । इरडा ने एक सर्कुलर जारी करके कहा कि इश्योरेंस कंपनियां को मानसिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए जल्द से जल्द मेडिकल इश्योरेंस का प्रविजन बनाए । वैश्विक स्तर पर कंपनियां मानसिक बीमारियां २-३ साल के इंतजार के बाद कवर करती हैं ।
इरडा मेंटल हेल्थकेयर ऐक्ट २०१७ का अनुसरण करता है । एस ऐक्ट के सेक्शन २१ (४) के अनुसार हर इंश्योरेंस कंपनी को शारीरिक बीमारियों की तरह ही मानसिक बीमारियों के इलाज के लिए मेडिकल इंश्योरेंस के प्रावधान बनाने चाहिए । मेंटल हेल्थकेयर ऐक्ट २०१७ २९ मई, २०१८ से प्रभावी हुआ था । इसके अनुसार मेंटल हेल्थकेयर में एक व्यक्ति की मानसिक स्थिति का अनैलेसिस और डायग्नोसिस शामिल होता है ।
साथ ही इसमें उनका इलाज और पुनर्वासन भी जुड़ा होता है । सिग्ना टीटीके हेल्थ इश्योरेंस कंपनी की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर ज्योति पुनिया कहती हैं कि इससे मानसिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों को सम्मानजनक जीवन जीने का मौका मिलेगा । साथी ही उन्होंने कहा कि इससे जागरूकता फैलेगी और मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोगों को स्वीकृति मिलेगी ।

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