रामोल गांव में स्थित जिला पंचायत की स्कूल में चालू वर्ग में सीलिंग की परत टूटने पर विद्यार्थियों में भगदड़ मच गई थी । हालांकि इस दुर्घटना में कोई विद्यार्थी घायल नहीं हुआ है । रामोल गांव में स्थित जिला पंचायत की स्कूल का मकान लंबे समय से जर्जरित स्थिति में है । यह जर्जरित मकान में ३०० से ज्यादा विद्यार्थी अपने जान को खतरे में डालकर अभ्यास कर रहे हैं । यह जर्जरित स्कूल के मकान की रिपेरिंग करने के लिए अभिभावकों की तरफ से संबंधित सत्ताधीशों को पहले बारबार पेशकश की गई है हालांकि इसकी तरफ लापरवाही बरती गई सोमवार को सुबह में ९ बजे के करीब चालू वर्ग में सीलिंग का परत टूट गया था जिसकी वजह से विद्यार्थियों में दहशत फैल चुकी थी । हालांकि परत टूटने की शुरूआत होने के साथ विद्यार्थी वर्गरुम में से बाहर निकल जाने पर कोई विद्यार्थी घायल नहीं हुआ है । इस दौरान स्थानीय कॉर्पोरेटर अतुल पटेल कहते है २००६ से रामोल क्षेत्र का शामिल अहमदाबाद कॉर्पोरेशन में हुआ है । रामोल के लोग शिक्षा टैक्स सहित के प्रॉपर्टी टैक्स कॉर्पोरेशन में चुकाते है फिर भी अभी तक प्रशासन द्वारा जिला पंचायत हस्तक की स्कूलों को कॉर्पोरेशन में शामिल नहीं किया गया है । इस बार दुर्घटना में बच्चों की सुरक्षा हुई लेकिन भविष्य में यदि और इस प्रकार की दुर्घटना होगी तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा इस दौरान म्युनिसिपल सर्कल बताते है कि जिला जिला पंचायत की कुल १११ स्कूलों का संचालन कॉर्पोरेशन हस्तक करने का मामला वर्ष २०१२-१३ से जटिल है । सिटी तहसील की ५० स्कूल, दस्कोई तहसील की ५१ स्कूल, चांदखेडा-मोटेरा की १० स्कूल आज भी जिला पंचायत हस्तक चल रही है । यह स्कूलों की ग्रान्ट के मामले में राज्य सरकार के साथ बातचीत चल रही है । यदि यह जिला पंचायत की स्कूलों का संचालन कॉर्पोरेशन हस्तक हो तो म्युनिसिपल स्कूल बोर्ड को वर्ष में करीब ३५ करोड़ का आर्थिक बोझ उठाना पड़े ऐसी संभावना है ।
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