गुजरात के ऊना में स्वयंभू गोरक्षको की बर्बर पिटाई मेैं शिकार दलित परिवार ने बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के जन्मदिन १४ अप्रैल को हिंदु धर्म त्यागकर बौैद्ध धर्म अपनाने का ऐलान किया है । बता दें, सरवैया परिवार के चार सदस्यों की पिटाई की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था । ऊना के मोटा समाधियाला गांव के पिटाई के शिकार चार युवकों में एक वशराम सरवैया ने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों ने हिंदु धर्म छोड़ने का फैसला लिया । इसकी वजह उनके साथ लगातार हो रहा जातिगत भेदभाव है जो उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन नहीं जीने दे रहा है । उन्होंने कहा, मृत जानवरों की खाल उतारने जैसे अपने पैतृक पेशे जारी रखने से जो शर्म और भय थोपा जा रहा है, वह हमें हिंदू धर्म को छोड़ने पर मजबूर कर रहा है । करीब डेढ़ साल बाद हमारा परिवार इस बात पर सहमत हुआ है कि हम बौद्ध धर्म अपनाकर ज्यादा अच्छे से रहेंगे जो जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करता है । वशराम ने कहा, साहब ने भी बौद्ध धर्म अपनाया था और कहा था कि हिंदु पैदा जरूर हुए हैं लेकिन हिंदु के रूप में मरेंगे नहीं । हम इस कलंक को खत्म करना चाहते है । बता दें कि पिछले साल गुजरात के ऊना में मरी गाय की खाल निकालने पर वशराम और उनके तीन अन्य भाइयों की बेरहमी से पिटाई की गई थी । विरोध में दलितों ने गुजरात के सरकारी कार्यालयों के सामने मरी गायें डाल दी थीं । गुजरात समेत देशभर में इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हुए थे ।
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