प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि बेहतर भारत के लिए उठाए गए कदमों की राजनीतिक कीमत चुकाने के लिए वह तैयार हैं । साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई भी उन्हें इससे डिगा नहीं सकता है । दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्र्म में मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के लिए भ्रष्टाचार मुक्त, नागरिक केंद्रित और विकास हितैषी माहौल सबसे बडी प्राथमिकता है । नीतियों पर आधारित, तकनीक पर आधारित, पारदर्शिता पर आधारित एक ऐसी पारिस्थिति की जिसमें गडबडी होने की, लीकेज की, गुंजाईश कम से कम हो । प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे पता है और में इस भली भांति जानता हूं कि जिस रास्ते में पर चल लडा हूं । देश को जिस मंजिल पर पहुंचाने का मैने लक्ष्य लिया है, उसकी कितनी बडी राजनीतिक कींमत चुकानी पेडगी लेकिन में अपने कदम पीछे नहीं खींचूंगा । उन्होंने कहा कि नोटबंधी के बाद देश में व्यवहार में बदलाव आया है । स्वतंत्रता के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब भ्रष्टाचारियों को कालेधन का लेन-देन करने से पहले डर लग रहा है । उनमें पकडे जाने का भय हैं । जो कालाधन पहले समानांतर अर्थव्यवस्था का आधार था, वो मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था में आया है । प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंधी के बाद एकत्र आंकडों की मदद से भ्रष्टाचार में शामिल लोगों का पता लगाने में भी सरकार को मदद मिल रही है । लोगों तक सेवाओं और सुविधाओं का लाभ पहुंचाने में आधार की भूमिका की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि आधार नंबर से एक अपरिवर्तनीय बदलाव को मदद मिल रही है । आधार एक ऐसी शक्ति है जिससे ये सरकार गरीबों के अधिकार को सुनिश्चित कराना चाहती है । सस्ता रान, स्कॉलरशिप, दवाई का खर्च, पेंशन, सरकार की तरफ से मिलने वाली सब्सिडी, गरीबों तक पहुंचाने में आधार की बडी भूमिका है । उन्होंने कहा कि आधार के साथ मोबाइल और जनधन की ताकात जुड जाने से एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण हुआ, जिसके बारे में कुछ साल पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था । पिछले तीन सालों में आधार की मदद से करोडो फर्जी नाम सिस्टम से हटाए गए हैं । अब बनामी संपत्ति के खिलाफ भी यह एक बडा हथियार बनने जा रहा है । प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस दिन देश में ज्यादातर खरीद फरोख्त, पैसे के लेन देन का एक तकनीकी और डिजिटल पता चलने लगेगा, उन दिन से संगठित भ्रष्टाचार काफी हद तक थम जाएगा । मोदी ने कहा कि जब योजनाओं में गति होती है, तभी देश में प्रगति आती है । कुछ तो परिवर्तन आया होगा जिसकी वजह से सरकार की तमाम योजनाओं की गति बढ गई है । साधन वहीं है, संसाधन वहीं हे, लेकिन सिस्टम में रफ्तार आ गई है । ऐसा हुआ है, क्योंकि सरकार नौकरशाही में एक नई कार्य संस्कृति विकसित कर रही है ।