जम्मु-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नैशनल कांफ्रेस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने नोटबंदी के बाद राज्य में शांति बहाली के दावे पर सवाल उठाए है । हाल ही में आतंकियों की कायराना कार्रवाई के शिकार टेरिटोरियल आर्मी के जवान इरफान डार को लेकर पुछे गएए सवाल के जवाब में अब्दुल्ला ने कहा, भारत सरकार से पुछिए जो हर दिन नोटबंदी के बाद कश्मीर में शांति बहाली का दावा करती है । कहां शांति है । उन्होंने सवाल किया, यदि शांति होती तो क्या सैनिक की मौत होती । उसका क्या दोष था । बता दें टेरिटोरियल आर्मी की इंजिनियरिंग रेजिमेंट में तैनात इरफान डार उतरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर में पोस्टेड थे । गुरुवार को ही छुट्टी पर अपने घर आए इरफान कार से कही जा रहे थे, तभी रास्ते में आतंकवादियों ने उन्हें अगवा कर लिया । इरफान उस वक्त निहत्थे थे । उन्हें गोली मारने के बाद उनके शव को आतंकवादियों शोपियां के कीगम इलाके के फेंक दिया । ग्रामीणों को शनिवार सुबह खुन से लथपथ शव मिला । जम्मु-कश्मीर में जिस तरह से बीते कुछ दिनों में सुरक्षा बलों ने एक के बाद एक लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को ढेर किया है, उससे पाकिस्तान स्थित यह आतंकवादी संगठन बुरी तरह बौखला गया है । यही वजह है कि सुरक्षाबलों का मनोबल तोड़ने की मंशा के तहत एक बार फिर छुट्टी मनाने घर आए जवान को निशाना बनाया गया । शुक्रवार रात २३ साल के आर्मी जवान इरफान डार की हत्या को लश्कर की बौखलाइट का ही नतीजा माना जा रहा है ।
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