गुजरात चुनाव में बीजेपी एक एक कर उन सभी फैक्टर्स को दुर करने में जुटी हुई है । जिनको लेकर पार्टी चिंता में थी । उनमें दो सबसे बड़े फैक्टर्स थे । एक तो पाटीदार समाज का विरोध और दुसरा जीएसटी-नोटबंदी को लेकर व्यापारियों का गुस्सा । आर्थिक मुद्दे पर पिछले एक हफ्ते में जीएसटी में सुधार और मूडीज की रैकिंग के बाद पार्टी के हौंसले बुलंद है । इस मुद्दे को नरम करने के बाद पार्टी को दुसरे मोर्चे पर और फतह करनी है और ये मुद्दा है हार्दिक पटेल का । पाटीदार समाज की अगुवाई का दावा कर रहे हार्दिक पटेल लगातार बीजेपी की नाक में दम किए हुए है और अब बीजेपी उनके इस दंभ को तोड़ने में जुट गई है । उनके लिए जो चक्रव्यूह तैयार हो रहा है उसमें हार्दिक पटेल के साथ ही कांग्रेस मुश्किल में घिर सकती है । दरअसल हार्दिक पटेल लगातार बीजेपी को ललकारने की हिमाकत कर रहे थे और इससे कांग्रेस उत्साहित हो रही थी लेकिन पिछले एक हफ्ते में हालात बदले हैं । पार्टी उनके करीबियों को साधने में पिछले महीने से ही जुटी हुई है और एक एक कर इसमें कामयाबी भी मिलने लगी है । खास तौर से सीडी कांड के बाद बीजेपी उत्साहित है और हार्दिक पटेल खेमा बैकफुट पर । इसी मौके को ताड़ कर उनके कुछ और करीबी बीजेपी की शरण में आ गए है । बीजेपी ने सबसे पहले वरूण पटेल और रेशमा पटेल को लिया था जो हार्दिक पटेल के करीबी थे । अब केतन पटेल और चिराग पटेल भी आ गए हैं । इनके अलावा अमरीश और श्वेता भी बीजेपी में पहुंच चुके है जो हार्दिक के सहयोगी रहे हैं । इस तरह बीजेपी आधा दर्जन हार्दिक सहयोगियों पर निशाना साध चुकी है और बाकी पर निशाना साधने की कोशिश जारी है । आने वाले दिनों में हार्दिक पटेल की टीम के कई और सदस्य बीजेपी में जा सकते है । इसके लिए बाकायदा बीजेपी के पाटीदार नेताओं की टीम दिन रात एक करने में जुटी हुई है । इसकी अगुवाई उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल कर रहे हैं । उन पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि वो पाटीदार समाज को बीजेपी के करीब लाएं और हार्दिक पटेल की अगुवाई में जो माहौल बिगड़ा है उसे सुधार जाए । ये नितिन पटेल के लिए भी बड़ी चुनौती है और उनका राजनीतिक भविष्य भी इसी पर टिका है । इसमें उन्होंने कामयाबी पाई है । खासतौर पर से हार्दिक पटेल की सीडी के बाद माहौल बदला है । जहां उनके सहयोगी छिटकने लगे हैं वहीं पाटीदार समाज में भी हार्दिक पर सवालर उठने लगे हैं । यहीं नहीं कांग्रेस भी नरम पड़ी है । जिस हार्दिक पटेल की दम पर कांग्रेस उछल रही थी, सीडी आने के बाद कांग्रेस में भी मंथन होने लगा है । यही वजह है कि बीजेपी ने तो उम्मीदवारों की पहली सुची जारी कर दी और कांग्रेस असमंजस में है क्योंकि कांग्रेस पर हार्दिक पटेल का दबाव तो है ही, अल्पेश और जिग्नेश को भी साथ रखने की चिंता है ।
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