प्रद्युम्न मर्डर केस में पुलिस की नजर कैसे कई अहम सबुतों पर नहीं गई । यह सवाल पुलिस को संदेह के दायरे में ले आता है । सीबीआई को शक है कि गुरुग्राम पुलिस जानती थी कि असली कातिल कौन है और उसे बचाने की कोशिश की जा रही थी । सुत्रों के मुताबिक मर्डर में ११वीं के छात्र को दोषी मानने के बाद अब सीबीआई साजिश के ऐंगल की ही जांच कर रही है । मर्डर में उस छात्र के शामिल होने के काफी सबूत सीबीआई को मिल चुके है । लेकिन अब इस बात की जांच हो रही है कि उसे बचाने में किस-किस का हाथ शामिल है । इस मर्डर केस में सीबीआई एक महीने के अंदर अंतिम चार्जशीट दायर कर सकती है । सीबीआई ने दावा किया है कि उस छात्र के मर्डर करने की बात स्कूल मैनेजमेंट और पुलिस दोनो को मालूम थी और इनकी और से सबूत मिटाने के लिए बड़ी साजिश रची गई है । साजिश का पता लगाने के लिए संबंधित पुलिस, स्कूल मैनेजमेंट और स्कूल के कई कर्मचारीयों से पुछताछ हुई है । सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने सोमवार को गुरुग्राम पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को बुलाया क्योंकि एजेंसी जानना चाहती थी कि आरोपी छात्र के खिलाफ इतने सारे सबुत पुलिस ने क्यों नजरअंदाज किए । सोमवार को सीबीआई की दो टीमें मौजुद थी, एक टीम ने रायन इंटरनैशनल स्कूल में तैनात गुरुग्राम पुलिस टीम को स्कूल कैंपस में घुसने से मना किया, जब वह भीतर जांच कर रही थी । वहीं, दुसरी टीम सिटी कोर्ट में थी जहां एसआईटी के ४ सदस्यों को बुलाया गया था । सीबीआई ने आधिकारिक तौर पर इन बैठकों की पुष्टि से इनकार किया । सुत्रों ने बताया कि एसआईटी से पुछा गया कि १० दिन की जांच के दौरान पुलिस इतने अहम सबूत क्यों नहीं इकट्ठा कर पाई । एसआईटी का दावा था कि सीसीटीवी फुटेज को बार-बार खंगाला गया और करीब १०० लोगो से पुछताछ की गई थी, लेकिन सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए गए छात्र को वह मुख्य गवाह समझती रही । पिछले सप्ताह सीबीआई ने ११वीं के छात्र को आरोपी बनाया और अब एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह गुरुग्राम पुलिस को कैसे गुमराह कर पाया । सुत्रो ने बताया कि सीबीआई ने एसआईटी के जिन सदस्यों को पुछताछ के लिए बुलाया था, उनमें एक एसीपी, एक इंस्पेक्टर, एक एसआई और एक लोअर रैंक का अधिकारी था ।