दुश्मन की सीमा में घुसकर लक्ष्य भेदने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण अब सुखोई फाइटर जेट से किया जाएगा । आवाज की गति से करीब तीन गुना अधिक यानी २.८ माक की गति से हमला करने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल का इस सप्ताह पहली बार सुखोेई-३० एमकेआई फाइटर जेट से परीक्षण होगा । फाइटर जेट से मार करने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल के इस परीक्षण को डेडली कोम्बिनेशन कहा जा रहा है । हवा से जमीन पर मार करने वाले ब्रह्मोस मिसाइल का दुश्मन देश की सीमा में स्थापित आतंकी ठिकानों पर हमला बोलने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है । सुत्रों के मुताबिक यह मिसाइल अंडरग्राउंड परमाणु बंकरों, कमांड ऐंड कंट्रोल सेंटर्स और समुद्र के ऊपर उड़ रहे एयरक्राफ्ट्स को दुर से ही निशाना बनाने में सक्षम है । बीते एक दशक में सेना ने २९० किलोमीटर की रेंज में जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल को पहले ही अपने बेेड़े में शामिल कर लिया है । ब्रह्मोस मिसाइल के लिए २७,१५० करोड़ रुपये के ओर्डर दिए गए है । इसके लिए सेना, नेवी इंडियन एयर फोर्स ने अपनी रुचि दिखाई है । जून-२०१६ में भारत के ३४ देशों के संगठन मिसाइल टेक्नोलजी कंट्रोल रिजीम का हिस्सा बनने के बाद अब मिसाइलों की रेंज की सीमा भी अब खत्म हो चुकी है । ऐसे में अब सशस्त्र बल ब्रह्मोस के ४५० किलोमीटर रेंज तक मार करने वाले वर्जन के परीक्षण की तैयारी में है ।
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