अमेरिकी कांग्रेस ने २०१८ के राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (एनडीएए-२०१८) में बड़ा बदलाव किया है । पाकिस्तानी समाचार पत्र द डॉन के मुताबिक, बिल के नए संस्करण में आतंक के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की सहभागिता के लिए अमेरिका की और से दिए जा रहे फंड के लिए अमेरिका के रक्षा मंत्री को यह प्रमाणित करने की आवश्यकता जताई है कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क की गतिविधघियों पर ही केन्द्रित करना चाहता है । आपको बता दें कि अमेरिकी कांग्रेस ने पाकिस्तान को ७० करोड़ डॉलर (४.५ हजार करोड़ रुपये) की सहायता देने का फैसला लिया है । पाकिस्तान को यह मदद अफगानिस्तान में चलाए जा रहे अमेरिकी अभियानों को समर्थन देने के एवज में दी जाएगी । अमेरिका गठबंधन सहायता निधि से यह राशि पाकिस्तान को देगा । लश्कर को हक्कानी नेटवर्क के साथ शामिल न करने के फैसले से भारत को झटका लग सकता है । लश्कर ए तैयबा एक प्रतिबंधित संगठन है और इसका फाउंडर २००८ में हुए मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है । आपको बता दें कि भारत को इसी साल वैश्विक स्तर पर लश्कर ए तैयबा और जैश जैसे संगठनों को आतंकी संगठन घोषित किया था । गौरतलब है कि सितंबर में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में जारी घोषणापत्र में आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन की कड़ी निंदा की गई थी ।