महात्मा गांधी की हत्या की नए सिरे से जांच हो या नहीं, इस पर रिपोर्ट देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व अडिशनल सॉलिसिटर जनरल अमरेंद्र शरण को सलाहकार नियुक्त किया है । एमिकस क्यूरी नियुक्त होने के बाद शरण ने महात्मा गांधी की हत्या से जुड़े ट्रायल कोर्ट के रेकॉर्ड और १९६९ के जीवन लाल कपूर जांच आयोग की रिपोर्ट के करीब ४००० पेज हासिल कर चुके है । जस्टिस एस ए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ७ अक्टूबर को शरण को एमिकस क्यूरी नियुक्त करते हुए उन्हें निर्देश दिया था कि वह गांघी हत्याकांड से जुड़े दस्तावेजों की जांच करें । सुप्रीम कोर्ट ने यहा निर्देश अभिनव के पंकज फडनीस की उस याचिका पर दिया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि महात्मा गांधी की हत्या एक रहस्यमय शख्स ने की जिसने चौथी गोली चलाई थी और जिसे कभी पकड़ा नहीं गया । याचिकाकर्ता ने राष्ट्रपिता की हत्या से जुड़ी तीन गोली थिअरी पर सवाल उठाए थे । उनकी याचिका को बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था । एमिकस क्यूरी अमरेंद्र शऱण ने नैशनल आर्काइव्ज की मदद मांगी थी जिसके बाद उसने उन्हें ट्रायल कोर्ट के ४००० पेज के रेकॉर्डस में से इनकार किया, कीमत के बारे में बात करना अपनामजनक है वह भी तब जब कोई कोर्ट की मदद कर रहा हो । वरिष्ठ वकील ने कहा कि उन्हें १९६९ में गृह मंत्रालय को पेश की गई कपूर जांच आयोग की कॉपी मिल चुकी है । उन्होंने बताया, मुझे विस्तृत रिपोर्ट मिल गई है लेकिन मैं जांच आयोग के सामने लोगों की ओरिजनल बयानों को पाने में समर्थ हूं ।
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