७५ करोड़ बैंक खाते आधार से लिंक हो चुके है । इनके अलावा ४८ करोड़़ खातों को आधार कार्ड और बैंक खाते में दर्ज जानकारी का मिलान पर प्रमाणित किया जा चुका है । इसमें खाताधारक काम नाम, जन्म की तारीख, लिंग और पते को आधार नंबर और बायोमीट्रिक डेटा के साथ मैच किया जाता है । सरकार बचे हुए बैंक खातों को आधार के साथ लिंक करने की प्रक्रिया तेज करना चाहती है ताकि गरीब तबके को फायदे पहुंचाने का फ्रेमवर्क तैयार किया जा सके । इसके साथ केंद्र ने ऐसे खातों की संख्या १०० करोड़़ तक पहुंचाने का भी लक्ष्य रखा है । इन खातों का इस्तेमाल सरकार व्यापक सामाजिक सुरक्षा या युनिवर्सल बेसिक स्कीम पेमेंट के लिए कर सकती है । इस मामले में सरकार की पहल से वाकिफ एक सरकारी अधिकारी ने बताया, अगर युनिवर्सल बेसिक स्कीम को लागू करने का फैसला होता है तो ये बैंक खाते उसकी रीढ बन सकते है । सरकार ने इसी साल बैंक खातों से आधार को लिंक करना अनिवार्य बनाया था । उसने कहा है कि जो खाते आधार से नहीं लिंक होंगे, उन्हें फ्रीज कर दिया जाएगा । रिजर्व बैंक ने भी पिछले हफ्ते यही बात कही । आरबीआई ने एक बयान में कहा, प्रिवेंशन ओफ मनी लोन्ड्रिंग के तहत मान्य मामलो में आधार नंबर को बैंक अकाउंट के साथ लिंक करना अनिवार्य है । रिजर्व बैंक का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब सुप्रीम कोर्ट सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य बनाने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं की सुनवाई करने जा रहा है ।
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