विजय माल्या को यूनाइटेड लिमिटेड के बोर्ड से हटने के लिए मना लिया गया है और वह अपने उत्तराधिकारी के नाम का जल्द ही ऐलान करेंगे । दरअसल, सेबी के एक आदेश की वजह से माल्या किसी भी लिस्टेड कंपनी के डायरेक्टर नहीं हो सकते, इसलिए उनका बोर्ड से हटना तय था । सुत्रो ने बताया कि माल्या की स्वेच्छा से भारत लौटने की संभावना भी कम हो गई है और बोर्ड से हटने की एक वजह यह भी है । सुत्रो ने यह भी कहा कि माल्या ने अपने उत्तराधिकारी की पहचान जाहिर नहीं की है । बैंको के माल्या को विलफुल डिफोल्टर घोषित करने के बाद सेबी ने उन्हें बोर्ड से हटाने के लिए कहा था । वहीं, हेनेकेन और माल्या के बीच आर्टिकल्स ओफ असोसिएशन के मुताबिक माल्या ताउम्र कंपनी के चेयरमैन और नॉन-रिटायरिंग डायरेक्टर रह सकते है, बशर्ते वह किसी को अपना प्रतिनिधि नियुक्त नहीं करते या स्वेच्छा से बोर्ड से बाहर नहीं होते । युबीएल में हेनेकेन और माल्या ज्वाइंट वेंचर पार्टनर हैं । इस बारे में ईमेल से पुछे गए सवालो का माल्या ने जवाब नहीं दिया और हेनेकेन ने टिप्पणी करने से मना कर दिया । युबीएल ने अपने एक डायरेक्टर से वाई पाल को ऐक्टिंग चेयरमैन नियुक्त किया है । बोर्ड कॉपोर्रेट गवर्नेस रूल्स का हवाला देकर चेयरमैन नियुक्त करने का दबाव डाल रहा है । एक बोर्ड मेंबर ने कहा, बोर्ड अच्छी तरह से काम कर रहा है और कंपनी का कामकाज भी बढ़िया चल रहा है । हालांकि, जब मौजुदा चेयरमैन बोर्ड में डायरेक्टर की भूमिका नहीं निभा रहे हो और उन्हें रेग्युलेटरी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा हो, तब ऐक्टिंग चेयरमैन नियुक्त करना बेस्ट कॉरपोरेट गवर्नेस नहीं है । माल्या के लिए अपना प्रतिनिधि चुनना आसान नहीं होगा, भले ही कंपनी के कई एग्जिक्युटिव्स उनके वफादार है ।
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