हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया हैं ।९ नवम्बर को मतदान किया जाएगा । वहीं १८ दिसम्बर को मतगणना की जाएगी । १६ अक्टूबर से नामांकन दाखिल करने की तारीख दी गई हैं । सभी पोलिंग स्टेशन ग्राउंड फ्लोर पर होंगे । फोटो वोटर आईडी का इस्तेमाल किया जाएगा । विधानसभा चुनाव में ७५२१ पोलिंग स्टेशन हैं । चुनाव आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव की आज घोषणा नहीं की हैं । बता दें कि सभी पोलिंग स्टेशन पर वीवीपीएटी का इस्तेमाल किया जाएगा । इस तकनीक का इस्तेमाल पहली बार किसी राज्य मंे होने जा रहा हैं । इसके तहत हर मशीन से वोट देने के बाद पर्ची निकलेगी । साथ ही सभी रैली और प्रदर्शन की वीडियोग्राफी भी होगी । चुनाव आयोग ने कहा कि हलफनामा नहीं भरने पर नोटिस जारी किया जाएगा ।आयोग नेे बताया कि हर उम्मीदवार को सभी कॉलम भरने अनिवार्य हैं । गौरतलब है कि चुनाव की तारीख की घोषणा होने के बाद प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई हैं । आपको बता दें कि इतना तो तय हैं कि अगले दो महीने में इन २ राज्यों में चुनाव हो सकते हैं । क्योंकि दोनों ही राज्यों में विधानसभा का कार्यकाल जनवरी २०१८ को खत्म हो रहा हैं । हिमाचल प्रदेश में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल ७ जनवरी २०१८ और गुजरात में २२ जनवरी २०१८ को खत्म होना हैं । हिमाचल विधानसभा का गणित हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की ६८ और गुजरात में १८२ सीटें हैं । हिमाचल प्रदेश में पिछले चुनाव चार नवम्बर २०१२ को हुए थे। मतदान एक ही चरण में हुआ था । इसके अलावा चुनाव आयोग अजमेर, अलवर, फुलपुर और गोरखपुर की चार लोकसभा सीटों पर भी उप चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर सकता हैं । राजस्थान की अजमेर और अलवर सीट से रहे मौजूदा सांसदों की मृत्यु से दोनों सीटें खाली हो गई थी । वहीं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर और उप मुख्यमंत्री केशव मोर्य ने फुलपुर लोकसभा सीट छोड़ी थी । सूत्रों की माने तो गुजरात विधानसभा चुनाव दिसम्बर दो चरणों में हो सकते हैं । पिछली बार भी गुजरात विधानसभा चुनाव दो चरणों में हुए थे । हिमाचल में नवम्बर में एक चरण में चुनाव होने की सम्भावना हैं । पिछली बार ४ नवम्बर को चुनाव हुआ था और २० दिसम्बर को नतीजा आया था । आयोग के आला अधिकारियों ने कहा कि पहले ही चुनाव कार्यक्रम के ऐलान में देरी हो चुकी हैं । लिहाजा गुरुवार को ही ऐलान करने का फैसला आयोग ने ले लिया । उधर, सरकार के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक भी सरकार को जो ऐलान, उद्धाटन और शिलान्यास करने थे सब हो गए हैं । गौरतलब है कि नरेन्द्र मोदी के गुजरात की राजनीति छोड़ देश की कमान संभालने के बाद यह गुजरात का पहला चुनाव हैं । मोदी की अगुवाई में भाजपा ने २००२, २००७, २०१२ का चुनाव जीता था । पिछले कुछ दिनों में गुजरात में भाजपा को पाटीदार आंदोलन जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा हैं ।