राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अहमद पटेल को मत देने के कांग्रेस पार्टी के स्पष्ट व्हीप का अनादर करके भाजपा के साथ जुड़े हुए और व्हीप के विरूद्ध में मतदान करनेवाले १४ बागी विधायकों को संविधान की अनुसूचि-१० के प्रावधान के अनुसार अयोग्य ठहराने के लिए गुजरात विधानसभा विपक्षी पार्टी के नेता मोहनसिंह राठवा और गुजरात विधानसभा कांग्रेस पार्टी के दंडक शैलेष परमार द्वारा ६ सितम्बर को गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष के समक्ष एक महत्व की पीटिशन दाखिल की गई है ।इस बारे में गुजरात विधानसभा कांग्रेस पार्टी के दंडक शैलेष परमार ने बताया है कि, व्हीप के भंग करने पर संविधान की अनुसूचि-१० के अनुसार तथा रिप्रेजन्टेशन ऑफ धी पीपल एक्ट के साथ पढ़ने पर छह वर्ष तक यह बागी विधायकों को कोई भी पार्टी के या निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो सकते है । फिलहाल की राज्यसभा चुनाव के समय कांग्रेस पार्टी द्वारा पार्टी के सभी विधायकों को कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार अहमद पटेल के समर्थन में मतदान करने की स्पष्ट व्हीप जारी किया गया था लेकिन भाजपा के साथ जुड़े गये १४ बागी विधायकों ने पार्टी के व्हीप का अनादर करके व्हीप से विरूद्ध मतदान किया गया था । जिसकी वजह से कांग्रेस पार्टी की तरफ से हमने सीनियर एडवोकेट और प्रदेश कांग्रेस लीगल सेल के अध्यक्ष पंकज चांपानेरी के द्वारा गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष के समक्ष पीटिशन दाखिल की गई है ।उन्होंने आगे बताया है कि, संविधान की अनुसूचि-१० के प्रावधान रिप्रेजन्टेशन ऑफ धी पीपल एक्ट के साथ पढ़ने पर यह बागी १४ विधायक विधानसभा में चालू रहने से तथा भविष्य में चुनाव भी नहीं लड़ सके ऐसा प्रावधान है । बागी विधायकों पर कार्यवाही करके उदाहरण के तौर पर रहे इसके लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा यह कार्यवाही की गई है । खुद सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा चुनावों के संदर्भ के कई फैसलों को नोट किया गया है कि चुनाव की निष्पक्षता बनाये रखनी चाहिए ।