आधार को परमानेंट अकाउंट नंबर से जोड़ने जैसे कदमों के विरोधियों पर प्रहार करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नियमों के पालन से बचने के लिए प्रिवेसी की आड ली जा रही हैं ।उन्होने कहा कि देश में ऐसी स्थिति नहीं हो सकती हैं । जिसमें नियमों का पालन करने वाले करदाता को करो का दोहरा बोझ उठाना पड़े । मंत्री ने कहा कि अगर टैक्स देने वालों की संख्या बढ़ेगी तो कर की दरो को ज्यादा वाजिब बनाने की ओर बढ़ा जा सकता हैं । जेटली ने कहा कि आप लोग देख रहे हैं कि इन दिनों नियमो का पालन न करने के लिए प्रिवेशी की आड़ ली जा रही हैं । नियमों के पालन के पक्ष में बहस का आधार ज्यादा नैतिक और नियमों का ज्यादा पालन करने वाला भारत बनाना होगा जेटली ने कहा कि ऐसी स्थिति नहीं हो सकती हैं, जिसमें नियमों का पालन करने वाले करदाता को अपने हिस्से का कर तो देना ही होगा, उसके अलावा उसे ज्यादा टैक्स इसलिए देना पड़े क्योंकि नियम न मानने वालो के हिस्से की भरपाई भी वही कर रहा हैं । क्योंकि देश का खर्च तो कम नहीं हो सकता है । जेटली ने कहा कि नोटबंदी और बेनामी कानून का कुल असर यह हुआ है कि कार्यपालिका के कदमों से ईमानदार आदमी के पक्ष में इंसेटिव की स्थिति बनी हैं और बेईमान लोगों की रातों की नींद हराम हुई हैं । उन्होंने कहा कि जो कुछ अब तक सामान्य तर पर चलता आया है, उसे हम चलने नहीं दे सकते हैं । मंत्री ने कहा कि नियमों को धता बताने के लिए शेल कंपनियां बनाई जाती है और वहां कुछ अज्ञात निदेशकों को बैठाया जाता रहा हैं ।
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