कालाधन पर नकेल कसने के लिए नोटबंदी के बाद कई कदम उठाए जा रहे हैं । अब आयकर विभाग नोटबंदी के बाद आईटीआर में बदलाव करने वालों की पहचान में जुटा हैं, जिसके बाद उनकी जांच की जाएगी । विभाग कथित कर चोरी के ऐसे ३०००० से अधिक मामलों की जांच कर रहा हैं । इस बीच देश में करदाताओं का आधार बढ़कर साढ़े ६.२६ करोड़ हो गया हैं । केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने सोमवार को यह जानकारी दी । चंद्रा ने एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा कि पिछले साल ८ नवम्बर के बाद दाखिल आईटीआर की तुलना जब पहले के रिकोड्र्स के साथ की गई तो ये मामले सामने आए । उन्होंने बताया कि इन मामलों में कार्रवाई की जा रही हैं । उन्होंने कहा कि ओपरेशन क्लीन मनी के पहले चरण के बाद यह पाया गया२ कि कुछ करदाताओं ने अपने सभी बैंक खातों की जानकारी कर अधिकारियों को नहीं दी । विभाग उन लोगों से संपर्क कर रहा हैंजिनके बैंक खातों में नोटबंदी के बाद संदिग्ध रुप से नकदी जमा कराई गई । उन्होंने बताया कि भारत में एंट्री रेट टैक्स ५ प्रतिशत हैं जो पूरी दुनिया में सबसे कम रेट्स मे से एक हैं । उन्होंने हाल ही में लागू किए गए बेनामी लेनदेन कानून पर बात करते हुए बताया कि २३३ मामलों में ८४० करोड़ रुपये मूल्य के अटैचमेंट किए जा चुके हैं । उनहोंने कई शेल कंपनियों के पास बेनामी संपत्ति होने के बारे में बताया । उन्होंने ऐसे मामलों में कार्रवाई किए जाने की बात भी कहीं । इसके साथ ही उन्होंने बताया कि देश में आयकरदाताओं की संख्या बढ़कर पिछले वित वर्ष के आखिर तक ६.२६ करोड़ हो गई जो पहले लगभग चार करोड़ थी ।