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इसरो का दावा- हमने नासा से पहले ढूंढा था विक्रम लैंडर का लोकेशन

चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हुए लैंडर विक्रम का लोकेशन नासा के एलआरओ से पहले चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने ढूंढ लिया था। इस बात का खुलासा खुद इसरो प्रमुख के सिवन ने किया। उन्होंने कहा कि हमने अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी पहले ही दे दी थी। आप जाकर जांच कर सकते हैं। इसरो ने अपनी वेबसाइट पर 10 सितंबर को एक जानकारी अपडेट की है। जिसमें लिखा है कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की खोज कर ली गई है, लेकिन उससे अभी तक संपर्क स्थापित नहीं हो सका है। संचार स्थापित करने के लिए सभी संभावित प्रयास किेए जा रहे हैं।
नासा ने मंगलवार सुबह अपने लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर (एलआरओ) से ली गई एक तस्वीर जारी की थी। जिसमें विक्रम लैंडर से प्रभावित स्थान दिखाई दे रहा है। नासा ने एक बयान जारी करते हुए कहा चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर मिल गया है। तस्वीर में नीले और हरे डॉट्स के जरिए विक्रम लैंडर के मलबे वाला क्षेत्र दिखाया गया है। बयान में नासा ने कहा है कि उसने 26 सितंबर को क्रैश साइट की एक तस्वीर जारी की थी और लोगों को विक्रम लैंडर के संकेतों की खोज करने के लिए बुलाया था। चेन्नई के कंप्यूटर प्रोग्रामर और मैकेनिकल इंजीनियर शनमुग सुब्रमण्यम ने मलबे की सकारात्मक पहचान के साथ एलआरओ परियोजना से संपर्क किया।
जिसके बाद एलओआरसी की टीम ने पहले और बाद की छवियों की तुलना करके लैंडर साइट की पहचान की पुष्टि की। शनमुगा ने क्रैश साइट के उत्तर-पश्चिम में लगभग 750 मीटर की दूरी पर स्थित मलबे की पहचान की। यह पहले मोजेक (1.3 मीटर पिक्सल, 84 डिग्री घटना कोण) की स्पष्ट तस्वीर थी। नंवबर मोजेक में इंपैक्ट क्रिएटर, रे और व्यापक मलबा क्षेत्र को अच्छी तरह से दिख रहा है। मलबे के तीन सबसे बड़े टुकड़े 2×2 पिक्सल के हैं।

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