संसद में चल रहे हंगामे पर निराशा जताते हुए सरकार ने कहा है कि इस हंगामे की वजह से प्रति मिनिट ढाई लाख रुपये का नुकसान हो रहा है । इन सत्र के २४ में से १४ दिन हंगामें की भेंट चढ़ चुके है । अब बाकी बचे दिनों के लिए सरकार का दोनों सदनों में पर्याप्त कार्य बचा हुआ है । कुछ तो ऐसे बिल है, जो जनता को सीधे प्रभावित करने वाले है । ऐसे में सरकार कोशिश करेगी कि विपक्ष को बातचीत के जरिये मनाया जाए ताकि संसद में कामकाज सुचारु रूप से चल सके ।
संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने पत्रकारों से कहा कि संसद सत्र जब चलता है तो प्रति मिनट ढाई लाख रुपये का खर्च आता है । इस तरह से अब तक हंगामे की वजह से जनता के खून पसीने का करोड़ों रुपया बर्बाद हो चुका है । दूसरी तरफ राज्यसभा में कम से कम १० बिल ऐसे लंबित हैं, जिन्हें लोकसभा पारित कर चुका है । अगर राज्यसभा उन्हें मंजूरी दे दे तो ये बिल प्रभावी हो जाएंगे और इनका सीधे जनता को फायदा मिलेगा ।
राज्यसभा में गुरुवार को कर्मचारियों की ग्रेच्युटी से जुड़ा बिल जिस तरह से विपक्ष की मदद से पारित हुआ, उसकी सराहना करते हुए गोयल ने कहा कि अन्य बिलों को भी पारित करने में विपक्ष उन्हें मदद करे ।
गोयल ने यह भी कहा कि वह विपक्ष के नेताओं से अलग अलग मिलकर उनसे इस बारे में बात कर उन्हें मनाने का प्रयास करेंगे । संसदीय कार्य राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है । सरकार की चिंता है कि जो १० महत्वपूर्ण बिल लंबित हैं, उन्हें जल्द पारित कराकर जनता तक उसका लाभ पहुंचाया जाए । इनमें मुस्लिम महिला संरक्षण विधेयक भी शामिल है ।