पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि पार्टी के संगठन को नजर अंदाज करने की कीमत कांग्रेस को चुकानी पड़ी । वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष की किताब इंदिरा के विमोचन में आए चिदबरम ने कहा कि यूपीए १ और २ में कार्यकर्ताओं और संगठन की उपेक्षा हुई । अच्छा होता अगर यूपीए २ के सब मंत्रियों तो दोहराया नहीं जाता । चिदंबरम ने कहा है कि देखते ही देखते जिला और प्रदेश स्तर पर उनकी पार्टी कमजोर होती रही और हमने कुछ नहीं किया । कांग्रेस अध्यक्ष की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी पार्टी की अध्यक्ष थी तो उनकी जिम्मेदारी बनती हैं । पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि पार्टी के संगठन को नजरअंदाज करने की कीमत कांग्रेस को चुकानी पड़ रही हैं । वित्त मंत्री ने कहा कि २००४ से २०१४ के दौरान पार्टी संगठन की उपेक्षा की गई । उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर और जिला स्तर पर संगठन की उपेक्षा की गई । चिदम्बर ने कहा है कि कांग्रेस राज्यों में खासकर जिला और प्रखंड स्तर पर ज्यादा कमजोर है और ये दुर्भाग्यपूर्ण हैं ।जब चिदम्बर से पूछा गया कि सोनिया गांधी की भी जिम्मेदारी बनती है तो चिदंबरम ने कहा कि जाहिर सी बात है वो अध्यक्ष है तो उनकी भी जिम्मेदारी हैं । मौजूदा सियासी हालात पर टिप्पणी करते हुए चिदम्बरम ने कहा कि आज कांग्रेस का मुकाबला आरएसएस जैसे भयंकर और पॉवरफुल मशीन से हैं । जब उनसे पूछा गया है कि १९७७ में इंदिरा गांधी की हार के बाद कांग्रेस और मौजूदा वक्त की कांग्रेस की कमजोर स्थिति में क्या फर्क हैं तब कहा कि तब इंदिरा गांधी का मुकाबला कुछ पूर्व कांग्रेसी और समाजवादियों से था लेकिन आज आरएसएस जैसे शक्तिशाली मशीन से हैं ।