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महाबाहु – ब्रह्मपुत्र का शुभारंभ, PM मोदी बोले – नए पुल बनेंगे असम की लाइफ लाइन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले गुरुवार को असम को कई विकास परियोजनाओं की सौगात दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये असम में 3,231 करोड़ रुपये की लागत वाली महाबाहु-ब्रह्मपुत्र परियोजना का लोकार्पण किया है। साथ ही पीएम मोदी ने धुबरी-फूलबाड़ी ब्रिज की आधारशिला रखी और माजुली सेतु के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया। इसके अलावा कई अन्य परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रह्मपुत्र पर कनेक्टिविटी से जुड़े जितने काम पहले होने चाहिए थे, उतने पहले नहीं हुए। इसकी वजह से असम और नार्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी एक चुनौती बनी रही है। महाबाहु ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से अब इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमने ब्रह्मपुत्र की सशक्त भावनाओं के अनुरूप सुविधा, सुअवसरों और संस्कृति के पुल बनाएं हैं। असम सहित पूरे नार्थ ईस्ट के फिजिकल और कल्चरल एक्टीविटी को बीते सालों में सशक्त किया गया है। आज का दिन असम सहित पूरे नार्थ ईस्ट के लिए इस व्यापक विजन को विस्तार देने वाला है।”पीएम ने कहा कि ब्रह्मपुत्र और बराक सहित असम को अनेक नदियों की जो सौगात मिली है, उसे समृद्ध करने के लिए आज महाबाहु ब्रह्मपुत्र कार्यक्रम शुरू किया गया है। ये कार्यक्रम ब्रह्मपुत्र के जल से इस पूरे क्षेत्र में वॉटर कनेक्टिविटी को सशक्त करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि मजूली में असम का पहला हैलीपोड भी बन चुका है। अब मजूलीवासियों को सड़क का तेज और सुरक्षित विकल्प मिलने जा रहा है। आपकी वर्षों पुरानी मांग आज पुल के भूमिपूजन के साथ पूरी होनी शुरू हो गई है। कालीबाड़ी घाट से जोरहाट को जोड़ने वाला आठ किलोमीटर का ये पुल मजूलीवासियों की जीवन रेखा बनेगा।  ये पुल आपके लिए सुविधा और संभावनाओं का सेतु बनने वाला है।
 प्रधानमंत्री मोदी ने पुरानी सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि गुलामी के कालखंड में भी असम देश के संपन्न और अधिक राजस्व देने वाले राज्यों में से था। कनेक्टिविटी का नेटवर्क असम की समृद्धि का बड़ा कारण था। आजादी के बाद इस इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाना जरूरी था, लेकिन इन्हें अपने ही हाल पर छोड़ दिया गया।अब असम का विकास प्राथमिकता में भी है, इसके लिए दिन रात प्रयास भी हो रहा है। बीते 5 वर्षों में असम की मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को फिर से स्थापित करने के लिए एक के बाद एक कदम उठाए गए हैं। असम और नार्थ ईस्ट की वाटर, रेलवे, हाईवे कनेक्टिविटी के साथ ही इंटरनेट कनेक्टिविटी भी उतनी जी जरूरी है। इंटरनेट कनेक्टिविटी पर भी लगातर काम हो रहा है।अब सैकड़ों करोड़ रुपये के निवेश से गुवाहाटी में नॉर्थ ईस्ट का पहला और देश का छठा डेटा सेंटर भी बनने वाला है।

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