बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंध में शामिल दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और लोकसभा उपचुनाव में एक सीट पर राजद का समर्थन भी मिलेगा। इसके अलावा राजद 144 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इन 144 सीटों में कुछ सीटें जेएमएम और वीआईपी पार्टी के भी खाते में जाएगी। इसे लेकर पार्टी में अभी चर्चा होनी है। वहीं वाम दलों की बात करें तो सीपीएम को 4 सीटें, सीपीआई को 6 सीटें, माले को 19 सीटें महागठबंधन में चुनाव लड़ने के लिए मिली हैं। इससे पहले तेजस्वी यादव ने कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सभी दलों ने मेरे नेतृत्व पर जो विश्वास जताया है, मैं वादा करता हूं कि सभी के वादों पर खरा उतरूंगा। उन्होंने कहा कि बिहार के डबल इंजन की सरकार आईसीयू में है। 15 साल में एक कारखाना नहीं लगा, किसानों का शोषण किया। बिहार के किसान और गरीब होते चले गए। अविनाश पांडे ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता के बहुमत का उन्होंने अपहरण कर लिया। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने कांग्रेस का हमेशा से साथ दिया है। हमारे आंतरिक मतभेदों के बाद भी धर्मनिरपेक्ष और संविधान में विश्वास रखने वाले दल एक साथ आए हैं। आज देश में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। (जदयू और राजद) और उनके प्रमुखों पर निशाना साधा और कहा है कि बिहार की जनता लालू-नीतीश दोनों से ही मुक्ति चाहती है। हाल ही में महागठबंधन को छोड़ने वाली राष्ट्रीय रालोसपा के एनडीए से करीबी के चर्चे थे। हालांकि, पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने चुनाव में अलग से उम्मीदवारों को उतारने का फैसला कर लिया है। उधर, तेजस्वी यादव की तबियत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तेज प्रताप की मां राबड़ी देवी और भाई तेजस्वी यादव उन्हें देखने पहुंचे।शाम को महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी है और इस दौरान सीटों के बंटवारे को लेकर अहम एलान किया जा सकता है। कुशवाहा ने कहा है कि उनकी पार्टी वोटकटवा की श्रेणी में नहीं आती। न ही उनकी पार्टी किसी को समर्थन देने के लिए है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बिहार की जनता राजद और जदयू से ऊब चुकी है, इसलिए रालोसपा बिहार की जनता को सार्थक विकल्प देने के लिए है। कुशवाहा ने कहा कि बिहार की जनता नीतीश के 15 साल के कुशासन से आजादी चाहती है, दूसरी ओर राजद के गठबंधन में भी कोई मजबूत चेहरा नहीं है। इसलिए इन दोनों दलों से जनता काफी निराश है। दूसरी तरफ लोजपा की संसदीय समिति की बैठक आज यानी 3 अक्टूबर को होनी है। इस बैठक में पार्टी अहम फैसला ले सकती है। दरअसल एनडीए में भी अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। चिराग भाजपा नेताओं से लगातार मुलाकात कर रहे हैं लेकिन अभी तक आम सहमति नहीं बन पायी है। ऐसे में माना जा रहा है कि चिराग और उनकी पार्टी कल गठबंधन और सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला कर सकते हैं।