मशहूर फिल्म अभिनेता सलमान खान के झूठे शपथ पत्र मामले में जोधपुर कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने एक्टर के खिलाफ राज्य सरकार की तरफ से दायर की गई अर्जी को खारिज कर दिया है। आपको बता दें कि जोधपुर न्यायालय सरकार की ओर से जारी CRPC की धारा 340 में पेश अर्जी पर फैसला सुनाया है। अगर इस मामले में एक्टर दोषी पाए जाते तो उन पर IPC की धारा 193 के तहत केस दर्ज होता और अगर उसमें वो दोषी निकलते तो एक्टर को 7 साल की सजा भी हो सकती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया है।
दरअसल काला हिरण शिकार और आर्म्स एक्ट मामले में कोर्ट ने एक्टर सलमान खान से उनके हथियारों के लाइसेंस की रसीद मांगी गई थी लेकिन तब सलमान ने कोर्ट में अपना लाइसेंस जमा कराने को लेकर असमर्थता जताते हुए एक शपथ पत्र पेश किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका लाइसेंस कहीं खो गया है और इसके लिए उन्होंने मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में एक FIR भी दर्ज कराई है, जिसकी कॉपी उन्होंने कोर्ट में पेश की थी।
जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में मुंबई पुलिस से पूछताछ की थी, जिसमें एक कर्मचारी ने बताया था कि सलमान का आर्म्स लाइसेंस मुंबई पुलिस कमिश्नरेट में नवीनीकरण के लिए विचाराधीन है। जिसके बाद लोक अभियोजक भवानी सिंह भाटी ने कोर्ट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 340 के अंतर्गत एक अर्जी पेश कर सलमान पर अदालत को गुमराह करने और फर्जी प्रमाण कोर्ट में पेश करने का आरोप लगाया और IPC की धारा 193 के तहत सलमान पर केस दर्ज करने की मांग की थी, जो कि आज खारिज हो गई।
मालूम हो कि फर्जी साक्ष्य के मामले में सलमान खान के वकील ने कोर्ट में कहा था कि सलमान खान का किसी भी तरह का यह मंतव्य नहीं था कि वह झूठा शपथ पत्र दे, ऐसे में उसके विरुद्ध किसी तरह की कार्यवाही करना न्यायोचित नहीं है। आपको बता दें कि वर्ष 1998 में जोधपुर में फिल्म ‘हम साथ-साथ है’ की शूटिंग के दौरान सलमान खान के खिलाफ काला हिरण शिकार मामले में आर्म्स एक्ट समते तीन केस दर्ज किए गए थे, जिसमें से आर्म्स एक्ट मामले में उन्हें साल 2018 में बरी कर दिया गया था।
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