नाबालिग से बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा के तहत जेल की हवा खा रहे आसाराम को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दुष्कर्म मामले में गांधीनगर की एक अदालत ने आसाराम की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दी है।आसाराम ने पत्नी की हृदय की सर्जरी को लेकर कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी।
नारायण साईं की 77 वर्षीय मां की 1 फरवरी को दिल की सर्जरी की वजह से गुजरात उच्च न्यायालय ने आसाराम के पुत्र नारायण साईं को 3 दिन की अंतरिम जमानत दी है। हालांकि गुजरात उच्च न्यायालय ने नारायण साईं को जमानत देते हुए कहा कि तीन दिन के दौरान सूरत या अहमदाबाद के किसी भी आश्रम में साईं नहीं जा पाएंगे। इस अंतरिम अवधि के दौरान वह केवल अपनी मां के अस्पताल का दौरा कर सकेंगे।
सूरत की दो बहनों में से बड़ी बहन द्वारा दायर शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आशाराम बापू ने 1997 से 2006 के बीच अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में मौजूद आश्रम में उसके साथ बलत्कार किया था। जबकि छोटी बहन ने आरोप लगाया है कि सूरत के आश्रम में उसके साथ बलत्कार किया गया था।
साल 2013 में शाहजहांपुर की रहने वाली 16 साल की लड़की ने आसाराम पर उसके जोधपुर आश्रम में रेप का आरोप लगाया था। 2018 में राजस्थान की जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जबकि पुत्र नारायण साईं को सूरत की अदालत ने एक महिला के साथ बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। पिता-पुत्र दोनों बीते कई सालों से जेल की हवा खा रहे हैं।
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